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रामकोला नपं अध्यक्ष के खिलाफ धोखाधड़ी का केस

कुशीनगर के रामकोला नगर पंचायत अध्यक्ष रमिता देवी के अनुसूचित जनजाति सीट पर चुनाव जीतने के बाद उनके प्रमाण पत्र को फर्जी करार देकर शिकायत किए जाने के मामले में पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज लगाकर चुनाव...

हिन्दुस्तान टीम कुशीनगरWed, 28 Feb 2018 04:52 PM
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कुशीनगर के रामकोला नगर पंचायत अध्यक्ष रमिता देवी के अनुसूचित जनजाति सीट पर चुनाव जीतने के बाद उनके प्रमाण पत्र को फर्जी करार देकर शिकायत किए जाने के मामले में पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज लगाकर चुनाव लड़ने व धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। यह शिकायत पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद गोड ने चुनाव आयोग से लेकर मुख्यमंत्री तक से की थी।

पूर्व नपं अध्यक्ष श्री गोड ने अपनी तहरीर में लिखा है कि रमिता देवी की शादी को 15 से 20 वर्ष हो गई है और स्थाई निवास प्रमाण पत्र तथा अनुसूचित प्रमाण पत्र तहसील हाटा से जारी है। इसका प्रमाण पत्र नम्बर 59212407483 दिनांक 31 दिसम्बर 2012 है। इससे अनुसूचित जाति का लाभ उन्होंने उठाया है। जब रामकोला नगर पंचायत का सीट अनुसूचित जनजाति की महिला के लिए आरक्षित हुआ तो अपने मायके के पते तहसील व जिला देवरिया से तथ्यों को छिपाते हुये अनुचित लाभ लेने के लिए कूटरचित दस्तावेजों को लगाकर 1 जनवरी 2017 को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र संख्या 601175002172 राजस्व कर्मियों को धोखे मे डालकर जारी करा लिया।

इसी प्रमाण पत्र के आधार पर वह फर्जी दस्तावेजों से नगर पंचायत के अध्यक्ष की सीट पर चुनाव लड़ीं और जीत गयीं। इस तहरीर पर एओ अनिल कुमार ने धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस संबंध में एसओ अनिल कुमार ने बताया की पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद गोड ने पूरे साक्ष्य के साथ चुनाव आयोग सहित मुख्यमंत्री तक शिकायत पत्र भेजा था। अपनी तहरीर में सभी साक्ष्य लगा दिया है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

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