अस्थौला कांड में थानेदार सहित 15 पुलिसवालों पर होगा केस
गगहा के अस्थौला कांड में तत्कालीन थानेदार और 15 पुलिस कर्मचारियों सहित 23 लोगों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया...
गगहा के अस्थौला कांड में तत्कालीन थानेदार और 15 पुलिस कर्मचारियों सहित 23 लोगों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
19 मई 2018 को अस्थौला निवासी शिवहरी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर तत्कालीन एसओ सुनील सिंह सहित 15 पुलिस कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। आठ जून 2019 को कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विवेचना का आदेश दिया। लेकिन पुलिस इस प्रकरण में टालमटोल करती रही। कई माह तक गगहा पुलिस इससे संबंधित आख्या कोर्ट में भेजने से कतराती रही। इस प्रकरण में कोर्ट ने एसओ गगहा को तलब किया।
31 जनवरी 2020 तक गगहा थाना से कोर्ट में कोई आख्या नहीं भेजी। यहीं नहीं, वह कोर्ट में भी उपस्थित नहीं हुए। इसे कोर्ट की अवमानना मानते सात फरवरी को तलब करके स्पष्टीकरण मांगा था। इंस्पेक्टर ने कहा कि अभी केस दर्ज नहीं हुआ है। उनकी तरफ से रीविजन दाखिल किया गया है।
गुस्साई भीड़ ने थाने पर किया था बवाल
15 मई 2018 को गगहा के अस्थौला में सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। मामले की जानकारी होने पर पुलिस ने जीतू और दूसरे पक्ष के लोगों को थाने पर बुलाया। तत्कालीन थानेदार सुनील कुमार सिंह ने दोनों पक्षों के बीच पंचायत कराई। लेकिन एक पक्ष की तरफ से एकतरफा कार्रवाई के आरोप लेकर बवाल हो गया। आरोप है कि उग्र लोगों ने थाने पर हमला बोल दिया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने रबर बुलेट दागी।
गगहा पुलिस ने की थी हवाई फायरिंग
हवाई फायरिंग करके हालात को काबू किया। घटना में अस्थौला के जीतू, भोलू और दीपक घायल हो गए। थाने पर हमला करने सहित अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने 27 नामजद और 250 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। 19 मई 2018 को जीतू के बेटे शिवहरी ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था।
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