विवाद से बेहाल बीआरडी में जूनियर डॉक्टरों की होगी काउंसलिंग
बीआरडी मेडिकल कॉलेज सीनियर देंगे टिप्स, आए दिन मारपीट की घटनाओं से कॉलेज प्रशासन
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीते एक महीने में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर और तीमारदारों के बीच मारपीट की चार बड़ी घटनाओं से कॉलेज प्रशासन के माथे पर शिकन आ गया है। आए दिन हो रहे विवाद से कॉलेज की धूमिल हो रही छवि को बचाने के लिए अब जूनियर डॉक्टरों की काउंसलिंग की जाएगी। सीनियर डॉक्टर जूनियरों को विवाद से बचने के टिप्स बताएंगे। इसके लिए क्लीनिकल विभागों के सीनियर डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा विवाद ट्रामा सेंटर, मेडिसिन, गायनी, पीडिया, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी विभाग में होता है। ये सभी क्लीनिकल विभाग है। यहां जूनियर डॉक्टरों पर काम का बोझ अधिक है। मरीज भी गंभीर हालत में भर्ती रहते हैं। उनके तीमारदार बदहवास और परेशान होते हैं। इस दौरान छोटी सी बात भी बड़ी हो जाती है। प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आए दिन विवाद होना चिंताजनक है। डॉक्टर और तीमारदार दोनों को धैर्य रखना पड़ेगा। जूनियर डॉक्टरों को इसकी बकायदें ट्रेनिंग दी जाएगी। वरिष्ठ सीनियर शिक्षक उन्हें धैर्य से विवाद को हैंडल करना सिखाएंगे।
मारपीट के मामलों की जांच करेगी पांच सदस्यीय कमेटी
मंगलवार की रात को बीआरडी मेडिकल कालेज में मारपीट की दो घटनाएं हुईं। दो मरीजों की मौत के बाद ट्रामा सेंटर व मेडिसिन वार्ड में तीमारदारों से जूनियर डॉक्टरों की भिड़ंत हो गई। इसमें एक तीमारदार की नाक टूट गई। जबकि एक जूनियर डॉक्टर को भी चोटें आईं। मामला मीडिया में आने के बाद कॉलेज प्रशासन हलकान हो गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल ने जांच के लिए पांच समिति समिति गठित करने का फैसला किया है। इस समिति में एसआईसी व सीएमएस के अलावा विभाग के सीनियर चिकित्सक शामिल है। यह समिति घटना के कारणों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करेगी।
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