पांच साल बाद भी फैक्ट्री नहीं लगाने वालों का निरस्त होगा आवंटन
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता सिर्फ बाउंड्री बना लेने से ही उद्योग लगाने का मानक पूरा...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
सिर्फ बाउंड्री बना लेने से ही उद्योग लगाने का मानक पूरा नहीं माना जाएगा। गीडा के ऐसे भूखंड जिनका पांच साल पहले आवंटन हुआ और उसमें किसी फैक्ट्री की स्थापना नहीं की गई है, उनका आवंटन रद्द होगा। जल्द ही इन भूखंडों के आवंटन को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
जून 2014 में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर-15 में 255 भूखंडों का आवंटन किया था। इनमें से 55 भूखंडों का मामला कोर्ट में होने की वजह से 200 भूखंडों का आवंटन मान्य किया गया। लेकिन, इन भूखंडों में मूलभूत सुविधाओं का विकास मार्च तक पूरा किया जा सका। ऐसे में उद्यमियों की आपत्ति के बाद गीडा प्रशासन ने एक अप्रैल 2016 से इन भूखंडों के आवंटन की तारीख निर्धारित की। इसके बाद गीडा के नए प्रावधान के अनुसार आवंटित भूखंडों पर अधिकतम पांच साल में भूखंडों पर फैक्ट्री से उत्पादन शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन काफी संख्या में भूखंडों पर अब तक फैक्ट्रियों स्थापित नहीं हो सकी हैं। इधर कुछ महीने पहले भूखंड निरस्तीकरण की सूचना मिलने पर कई आवंटियों ने आनन-फानन में प्लॉटों पर बाउंड्री और शेड बनाना शुरू कर दिया है, लेकिन गीडा के नियमानुसार ऐसे प्लॉटों का आवंटन भी रद्द होना निश्चित माना जा रहा है।
नियमानुसार आवंटन की तारीख से अधिकतम पांच साल के अंदर फैक्ट्री का संचालन शुरू हो जाना चाहिए। जिन्होंने भी फैक्ट्री स्थापित कर उन्हें संचालित करना शुरू कर दिया है, उन्हें इस आशय का एक शपथपत्र देना होगा। अन्यथा भूखंड का आवंटन निरस्त किया जाएगा।
- संजीव रंजन, गीडा सीईओ
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