पलकें झुकने से पुतलियां ढक जा रही थीं, सर्जरी कर बचाई रोशनी
Gorakhpur News - एम्स के नेत्र रोग विभाग ने पटोसिस बीमारी का किया इलाज पलक की मांसपेशियों
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गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्र रोग विभाग की टीम ने पलक की सर्जरी (ब्लेफेरोप्लास्टी) कर एक मरीज की आंखों की रोशनी बचा ली है। महिला को पटोसिस नामक गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। इस बीमारी में मरीज की पलकें झुक गई थी, जो आंखों की पुतलियों को ढक ले रहा था। इस वजह से मरीज को देखने में दिक्कत हो रही थी। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, पटोसिस को ड्रॉपी आईलिड भी कहते हैं। इस बीमारी की वजह से महिला की ऊपरी पलक झुक जा रही थी। यह दिक्कत महिला के दोनों आंखों में थी। पलकें झुकने की वजह से उसकी पुतलियां ढकती जा रही थी, जिसकी वजह से उसे देखने में दिक्कत हो रही थी। अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाता तो आंखों की रोशनी जा सकती थी। इस दौरान जब जांच की गई तो पता चला कि कम उम्र में ही मांसपेशियां कमजोर हो गई थी। इसकी वजह से पलक की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका को नुकसान पहुंच रहा था। इससे पलक की त्वचा ढीली हो गई थी। इसके इलाज में मांसपेशियों को कसकर कर पलक की सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान जब मांसपेशियों में ताकत आई तो झुकी हुई पलक फिर से उठनी शुरू हुई। दोनों पलक उठने लगी तो आंखों से अच्छे से दिखाई देने लगा है। इस दौरान लगातार मरीज का फालोअप भी किया गया। एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डॉ. आराधना सिंह ने बताया कि संस्थान में लगातार गंभीर मरीजों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस जटिल सर्जरी से मरीज के आंखों की रोशनी बच गई है। कार्यकारी निदेशक सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता ने सर्जरी करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है।
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