एम्स में बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों की होगी जांच
- जन औषधि से लेकर अमृत फार्मेसी पर उपलब्ध दवा लिखना अनिवार्य - मरीजों की
गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों की जांच होगी। एम्स के डॉक्टर पहली प्राथमिकता के आधार पर जन औषधि से लेकर अमृत फार्मेसी पर मिलने वाली दवा ही लिखेंगे। अगर दोनों जगहों पर दवा नहीं मिलती है तो ही मरीज की सहमति के बाद ही बाहर की दवा लिखेंगे।
एम्स में बाहर की दवा लिखने की शिकायत कई बार हो चुकी है। स्थिति ऐसी है कि एम्स के गेट के बाहर मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले कर्मचारी बकायदा पर्चा लेकर घूमते हैं। चिल्ला-चिल्लाकर 15 से 20 प्रतिशत छूट की बात कहते हैं। पूर्व में इसे लेकर शिकायत भी हो चुकी हैं और मामला मारपीट तक पहुंच चुका है। सीनियर डॉक्टरों और एम्स के आसपास के मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच कुछ माह पूर्व ही मारपीट भी हो चुकी है। इसे संज्ञान में लेते हुए निदेशक ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए निर्देश दिया है कि डॉक्टर बाहर की दवा बिल्कुल न लिखें।
पहली प्राथमिकता डॉक्टरों की अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र की होनी चाहिए। अमृत फार्मेसी पर पहले ही सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध है। इसके अलावा जन औषधि केंद्र पर भी सस्ती दवाएं मिल रही है। ऐसे में अगर इन दोनों जगहों पर दवा नहीं मिलती है तो उन दवाओं का कंबीनेशन लिखे। अगर इसके बाद भी दवाएं नहीं मिलती है तो मरीज को बताकर ही बाहर की दवा लिखी जाएगी। एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ. अरुप मोहंती ने बताया कि एम्स के डॉक्टर प्राथमिकता के आधार पर अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र की दवा लिखते हैं। अगर कोई डॉक्टर बाहर की दवा लिखता है तो मरीज को इसकी जानकारी देगा। ऐसा न करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एम्स प्रशासन कार्रवाई करेगा।
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