प्रधानमंत्री कोटा दिखाकर किए थे फर्जीवाड़ा, पांच जम्मू के युवकों को भी दाखिला
Gorakhpur News - - एमएमयूटी में फर्जी तरीके से प्रवेश मामले में पुलिस ने जांच रिपोर्ट को बनाया आधार - एमएमयूटी में फर्जी तरीके से प्रवेश मामले में पुलिस ने जांच रिपोर्

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमएमएमयूटी) में एडमिशन में फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस ने तीन सदस्यीय टीम की विभागीय जांच को आधार बनाया है। उसके हिसाब से साक्ष्यों का संकलन कर रही है। इसमें एक चौंकाने वाला साक्ष्य सामने आया है कि फर्जीवाड़ा करने के लिए प्रधानमंत्री कोटा को दर्शाया गया था और फर्जी सूची को अनुमति के लिए एक संविदा कर्मचारी के प्राइवेट ई-मेल का इस्तेमाल किया गया था। यह भी पता चला है कि जम्मू के रहने वाले पांच युवकों ने भी फर्जी तरीके से दाखिला पाया था। अब नौ पन्ने की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस भी साक्ष्य संकलन करने लगी है, जिसमें चार और लोग जांच के दायरे में आ गए हैं। उधर, गिरफ्तार किए गए रवि मोहन श्रीवास्तव को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, लेकिन रिमांड नहीं मिल पाई। अब पुलिस एसपीओ की मदद से कानूनी दांव पेच की कमियां दूर कर फिर से रिमांड लेने की कोशिश में लगी है।
दरअसल, 40 छात्रों के फर्जी प्रवेश का मामला सामने आने पर तब विभागीय जांच भी कराया गया था। इसमें डॉ. राम मनोहर लोहिरया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अचल सिंह, प्रमुख सचिव कृपाशंकर सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव कैलाश नाथ राय की कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अपने नौ पन्ने की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि कई स्तर पर कमियां हुई हैं। पहली तो अधिकृत सूची में नाम नीचे बढ़ाया गया और फिर उस सूची को ईआरपी सेवा को अनुमति के लिए भेजने के लिए एक संविदा कर्मचारी के प्राइवेट मेल का इस्तेमाल किया गया, जो नियमानुसार हो सका। दूसरे फर्जी एडमिशन कराने के बाद काउंसिलिंग भी हो गई। सभी ने क्लास भी शुरू कर दिया। यानी की हर स्तर पर गड़बड़ी हुई है। अब इस जांच रिपोर्ट के बाद ही विश्वविद्यालय ने नए सिरे से जांच कराने का फैसला ले लिया। लेकिन, पुलिस के हाथ यह जांच रिपोर्ट लग गई है, जिसके आधार पर पुलिस एक-एक बिंदु पर साक्ष्य संकलन शुरू कर दी है। पुलिस की जांच में कई अहम तथ्य हाथ लगे है, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
यह है मामला
एमएमएमयूटी प्रशासन ने 10 जनवरी 2023 को खुलासा किया था कि 40 छात्र-छात्राओं ने फर्जी कागजात के जरिए प्रवेश ले लिया था। इनमें सत्र 2020-21 के कुल 22 और सत्र 2021-22 के 18 विद्यार्थी शामिल थे। उन सभी छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया था। तीन शिक्षक व पांच कर्मचारी जांच की जद में आए थे। इनमें कुछ की संलिप्तता भी मिली थी। निष्कासित छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन, उन्हें अभी राहत नहीं मिला है। केस डबल बेंच से सिंगल बेंच के पास लौटा दिया गया। पुलिस ने इसी मामले में मास्टमाइंड रवि मोहन श्रीवास्तव की गिरफ्तारी की थी।
वर्जन
यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। इस वजह से पुलिस जांच रिपोर्ट से तकनीकी जानकारी लेकर साक्ष्य संकलन कर रही है। पुलिस के हाथ कई अहम सुराग भी लगे हैं। इस धांधली में कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है। गिरफ्तार किए गए आरोपित की फिर से रिमांड लेने की कोशिश की जा रही है।
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।