153 अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
शहर में अवैध कालोनियां विकसित करने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ जीडीए ने सख्त रुख अपना लिया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने 153 कॉलोनियों को चिह्नित कर इसे विकसित करने वाले कॉलोनाइजर और भू-माफियाओं के खिलाफ...
शहर में अवैध कालोनियां विकसित करने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ जीडीए ने सख्त रुख अपना लिया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने 153 कॉलोनियों को चिह्नित कर इसे विकसित करने वाले कॉलोनाइजर और भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) को पत्र लिखा है। इन कॉलोलाइजर पर परियोजना लागत का दस फीसदी तक जुर्माना लग सकता है। कॉलोनाइजर को तीन साल की जेल भी हो सकती है।
अवैध कालोनियों को वैध करने को लेकर शासन की सक्रियता बढ़ी है। इसी क्रम में शासन की तरफ से नई शमन नीति 2020 भी लाई गई है। ऐसे में जीडीए ने 153 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार कर रसूखदार कॉलोनाइजर के पेशानी पर बल ला दिया है। जीडीए की सूची में शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां अवैध कॉलोनियां विकसित नहीं हुई हैं। सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां गोरखनाथ रोड, पिपराइच रोड, मेडिकल रोड, देवरिया रोड, देवरिया बाईपास रोड, बिछिया, पादरी बाजार, कूड़ाघाट, कुशीनगर रोड पर हैं।
पूर्व विधायक से लेकर पार्षदों ने विकसित की कालोनियां
जीडीए ने जिन 153 कालोनियों की सूची रेरा को सौंपी है, उन कालोनियों को पूर्व विधायक, प्रमुख बिल्डरों, प्रापर्टी डीलरों, पूर्व और वर्तमान पार्षदों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने विकसित किया हैं। जीडीए ने कॉलोनाइजर के रूप में एक मनोनीत पार्षद का भी नाम दिया है। इनमें कई ऐसे कॉलोनाइजर हैं, जिन्होंने 12 से 20 कॉलोनियां विकसित की हैं।
अवैध कॉलोनियों में बने हैं 10 हजार से अधिक मकान
जीडीए उपाध्यक्ष ने कॉलोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ भले ही रेरा को पत्र लिखा हो लेकिन खुद उनके इंजीनियरों पर भी सवाल है। जीडीए ने जिन कालोनियों की सूची जारी की है, उनमें 10 हजार से अधिक मकान बने हुए हैं। इसका मतलब साफ है कि इन मकानों का मानचित्र जीडीए से स्वीकृत नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब अवैध कालोनियों में मकान बन रहे थे तो जीडीए की इंजीनियर क्यों आंख मूंदे हुए थे। लोगों का सवाल है कि जब इन कालोनियों को विकसित करने वाले और मकान बनवाने वाले दोषी हैं तो जीडीए के इंजीनियरों को कैसे क्लीन चिट दी जा सकती है।
25 कॉलोनीनियों को 15 साल से वैध होने का इंतजार
जीडीए ने वर्ष 2005 में ईस्टर्नपुर कालोनी, आर्यनगर, विवेकानंदपुरी, श्रीराम नगर कालोनी, गायत्री नगर लालगंज, झरना टोला, मौर्या टोला, नंदानगर दरगहिया, सैनिक कुंज, सैनिक विहार विस्तार, विवेकानंद नगर, आदर्श नगर कालोनी, विवेक नगर, शांति नगर, मुलायम नगर, गोरक्षनगरी, महादेवपुरम बशारतपुर पूर्वी, शक्ति नगर, शिवाजी नगर, शक्तिनगर, शुभम कालोनी, राजीव नगर, पार्वती नगर, साकेत नगर व सिद्धार्थनगर को अवैध कालोनी बताया था। इन कॉलोनियों को वैध करने की कवायद 15 वर्षों से चल रही है। नई सूची में कुछ पुरानी कालोनियां भी शामिल हैं।
जीडीए की सूची में अवैध कॉलोनियों को विकसित करने वाले कालोनाइजर
जीडीए की सूची के मुताबिक, अवैध कालोनियों को विकसित करने में 100 से अधिक कॉलोनाइजर की भूमिका है। इनमें वीके शाही, प्रेम सिंह पप्पू बाबू, हनीप, अफजल और विमल सोनकर, अवधेश श्रीवास्तव, शोभित अग्रवाल, बृजेश सिंह, विमल चंद अग्रहरि, नंद दास, धर्मदेव चौहान, छेदी जायसवाल, राम किशुन, रामज्ञा, रवि और नरेन्द्र चौधरी, रामप्रीत चौहान, रामज्ञा चौहान, दिग्विजय सिंह, विजय कुशवाहा, पूजा जोशी, मिठाई लाल, मनोज सिंह, राम मिलन, सुरेश निषाद, रामजी चौहान, गिरधारी सोनकर, मोविन खान, सूरज सिंह, संजय अग्रवाल, अमन, अच्छे लाल गुप्ता, शेखर, राजू, कैलाश, संजीव श्रीवास्तव, अनिल यादव, गोलू, श्रीमती सुनीता सिंह, नारायण गुप्ता, राम सिंह, इंशान अली, हवलदार यादव, राम सेवक निषाद, श्रीमती चन्द्रावती देवी, हनुमान, उमेश यादव, हरिशंकर, मथुरा प्रसाद बरनवाल, प्रशांत जोशी, जगदीश यादव, शंकर, शंभू गुप्ता, दीपक अग्रवाल, राम सिंह, जितेन्द्र जायसवाल, अशोक कुमार उपाध्याय, वीरेन्द्र पासवान, श्रीमती किस्मती, हनुमान, सुदामा, राम नगीना मौर्या, मुरारी निषाद, रामसेवक निषाद, बजरंगी, मुखराम सिंह, भोला सिंह, नाटे, रियाजुद्दीन, अनीश, सतीश, विश्वनाथ, विमल अग्रहरि, राजकुमार, दिलशाद, अरविन्द कुमार यादव, दिलीप मजेठिया, अमेरिका यादव, मनोज तिवारी, मुन्ना मल्ल, ओम प्रकाश पांडेय उदय तिवारी, देवेन्द्र कुमार मौर्या, सत्या पांडेय, कलीम, बेचन प्रसाद, कोदई, बच्चा लाल, कमरूल्लाह, कलूट, अशोक यादव, छोटे लाल, विनोद मौर्या, ताहिर बंटी, दुर्गेश यादव, छोटू तिवारी, प्रह्लाद गुप्ता, विनय अग्रवाल, बबलू, पावस चौधरी, भरत राव, प्रकाश मिश्रा, शैलेष यादव, रमन शर्मा, मिथिलेश सिंह, गोरक्ष मिश्रा आदि के नाम प्रमुख हैं।
बोले जीडीए वीसी
शहर के विकसित 153 अवैध कालोनियों की सूची 21 अगस्त को रेरा को भेज दी गई है। सूची में कॉलोनियों के नाम के साथ विकसित करने वाले कालोनाइजर का भी ब्योरा है। रेरा इनके साथ खिलाफ जुर्माने के साथ ही तीन साल की सजा भी मुकर्रर कर सकता है। स्थानीय स्तर पर कालोनियों के विकसित होने के दौरान हुई लापरवाही की जवाबदेही की सुनिश्चित की जाएगी।
- अनुज सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए
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