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सत्यापन में सुस्ती की वजह से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई लटकी

Gorakhpur News - शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन में देरी की वजह से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। प्रथम दृष्टया आरोप सही लगने पर शिक्षकों को निलम्बित तो कर दिया गया लेकिन शैक्षिक दस्तावेजों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 24 Aug 2020 03:36 AM
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शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन में देरी की वजह से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। प्रथम दृष्टया आरोप सही लगने पर शिक्षकों को निलम्बित तो कर दिया गया लेकिन शैक्षिक दस्तावेजों के सत्यापन की रिपोर्ट न मिलने से बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिले में 20 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन की रिपोर्ट छह महीने से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से नहीं मिल सकी है।

छह महीने पहले परिषदीय शिक्षकों के स्नातक और बीएड के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बीएसए कार्यालय से गोरखपुर विश्वविद्यालय को भेजे गए थे लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिल सकी है कि परिषदीय शिक्षकों के प्रमाणपत्र सही हैं या कूटरचित। जबकि इससे पहले कई फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं जो गोरखपुर विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय की ओर से विश्वविद्यालय प्रबंधन को कई बार रिमाइंडर भी भेजा जा चुका हैं, इसके बावजूद सत्यापन लटका हुआ है।

डीडीयू से सत्यापन रिपोर्ट मिलने का इंतजार

ब्रहम्पुर, भटहट, पाली, सरदार नगर, चरगावां, बड़हलगंज, बेलघाट, कौड़ीराम, पिपरौली, खजनी, गगहा, जंगल कौड़िया, गोला और सहजनवा ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन डीडीयू में लटका हुआ है। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि सत्यापन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। वाहक के जरिये भी सत्यापन रिपोर्ट मंगाने की कोशिश की जा रही है लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं।

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