एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षण संस्थानों में शुल्क वृद्धि समेत पांच प्रस्ताव पारित, जानें क्यों है अहम?
गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अधिवेशन जारी है, जिसमें पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता, अनुचित शुल्क वृद्धि, मिलावटी खाद्य पदार्थों पर अंकुश और...
गोरखपुर, निज संवाददाता। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को भी भी सुबह से लेकर शाम तक बैठकों का दौर जारी रहा। विद्यार्थी परिषद ने इस अधिवेशन के लिए पांच प्रस्ताव तैयार किए थे। रात आठ से 9 बजे के बीच हुई बैठक में सभी प्रस्तावों को अनुमोदन मिल गया। पारित प्रस्तावों की आधिकारिक घोषणा रविवार को होगी। प्रस्तावों को अधिवेशन के समापन के बाद केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को भेजा जाएगा।
केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में तीन दिन पहले ही मणिपुर में डेढ़ साल से जारी हिंसा के विरूद्ध प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। शेष चार प्रस्ताव अधिवेशन में पारित होने थे। चारों प्रस्ताव पर शुक्रवार की रात हुई बैठक में सुझाव मांगे गए थे। सुझावों के आधार पर प्रस्ताव के कंटेंट में आमूलचुल बदलाव किए गए हैं। इसमें शिक्षण संस्थानों की गिरती गुणवत्ता, अनुचित शुल्क वृद्धि पर नियंत्रण, मिलावटी खाद्य पदार्थों पर अंकुश लगाए जाने, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सधी हुई कुटनीति करता भारत जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, महामंत्री डॉ वीरेन्द्र सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, पूर्व सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल कांत, पूर्व राष्ट्रीय मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, पूर्वी उप्र के संगठन मंत्री घनश्याम शाही, गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष डॉ राकेश प्रताप सिंह, प्रांत मंत्री मयंक राय, कामेश्वर सिंह, प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्या आदि मौजूद रहे।
सीआर मुकुंद ने ली शीर्ष कार्यकारिणी की बैठक
आरएसएस के सह सर कार्यवाह और विद्यार्थी परिषद के पालक सीआर मुकुंद भी अधिवेशन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आयोजन स्थल का निरीक्षण कर प्रसन्नता व्यक्त की। एबीवीपी की केंद्रीय समिति के साथ बैठक कर आगे दशा और दिशा पर भी चर्चा की। भव्य आयोजन और इसकी सफलता पर सभी को बधाई दी।
क्षेत्रवार हुईं बैठकें
दूसरे दिन देश के 11 क्षेत्रों के 44 प्रांतों की बैठक क्षेत्रवार अलग-अलग हुई। इसमें ‘समर्थ भारत की संकल्पना : विजन 2047 विषय पर चर्चाएं हुईं। इसमें वक्ताओं ने विकसित भारत के लिए योगदान देने के लिए सभी प्रतिनिधियों को प्रेरित किया।
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