नब्बे नहीं महज 50 दिन पढ़ाकर हुई पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं
सीबीसीएस लागू किए जाने के बाद विवि प्रशासन ने परीक्षाओं की जल्दी में 90 दिन तक कक्षाएं चलाने की अनिवार्यता दरकिनार कर दी। पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं महज 50-55 दिन की कक्षाएं चलाने के बाद ही शुरू हो...
सीबीसीएस लागू किए जाने के बाद विवि प्रशासन ने परीक्षाओं की जल्दी में 90 दिन तक कक्षाएं चलाने की अनिवार्यता दरकिनार कर दी। पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं महज 50-55 दिन की कक्षाएं चलाने के बाद ही शुरू हो गईं। अब वार्षिक परीक्षाओं में भी यही स्थिति दिख रही है। 15 अगस्त के बाद कक्षाएं शुरू हुई और महज 140 दिन के बाद ही यह परीक्षाएं भी होने जा रही हैं। यह हाल तब है जबकि विवि में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त हो चुकी है। कॉलेजों में तो दशा और भी दयनीय हैं।
विवि प्रशासन ने इसी सत्र से पीजी में सीबीसीएस लागू किया है। सेमेस्टर की गाड़ी तो विवि प्रशासन ने बेपटरी नहीं होने दी मगर जितनी कक्षाएं चलनी चाहिए थी, उतनी इस चक्कर में नहीं चलीं। विवि समेत तमाम कॉलेजों में अगस्त के अंत तक पीजी के प्रवेश हुए। सितंबर में कक्षाएं चलनी शुरू हुईं। इस बीच दशहरा और दीपावली की छुट्टियां हुईं। दीक्षांत समारोह के चलते भी एक सप्ताह से अधिक समय तक पढ़ाई बाधित हुई। क्रीड़ा परिषद के वार्षिक आयोजन में भी कक्षाएं बाधित हुईं। 2 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू हो गईं। छात्रों के मुताबिक इस बीच महज 50 या 55 दिन ही कक्षाएं चलीं। एक दो कॉलेजों को छोड़ दें तो शेष में इतनी भी कक्षाएं नहीं चलीं।
अब वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी है। प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तिथियां तय हो रही हैं। जनवरी में 20 तारीख के बाद यह परीक्षाएं गति पकड़ लेंगी। दिसंबर में 23 तारीख के बाद कक्षाएं नहीं चली हैं। जनवरी में 10 तारीख के बाद डीडीयू परिसर में गोरखपुर महोत्सव का आयोजन होना है। 15 जनवरी से पांच छह दिन ही कक्षाओं के लिए मिलेंगे। प्रायोगिक परीक्षाओं के रफ्तार पकड़ने के बाद विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते हैं। ऐसे में यह परीक्षाएं भी अधिकतम 140 दिन की कक्षाओं के बाद शुरू हो जाएंगी।
कोर्स पूरा करने को अतिरिक्त कक्षाएं
छात्रों के अलावा शिक्षकों का भी कहना है कि शिक्षक पढ़ाना चाहते हैं मगर छुट्टियों व विभिन्न आयोजनों के चलते बाधा आती है। जहां कोर्स पूरा नहीं होता, वहां अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर कोर्स पूरा कराया जाता है। किसी कक्षा में कोर्स अधूरा नहीं रहता।
कोट -
यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 90 दिन की पढ़ाई आदर्श स्थिति है। 75 दिन भी कक्षाएं चल जाएं तो ठीक स्थिति मानी जाती है। पहली बार सीबीसीएस लागू हुआ है। छुट्टियां भी अपने यहां अधिक हैं। अगले सत्र से हर हाल में 15 अगस्त से कक्षाएं शुरू करा दी जाएंगी। अगले समेस्टर से कक्षाएं ठीक चलें इसका प्रयास होगा। दीक्षांत के समय भी कक्षाएं चलती हैं।
- प्रो. वीके सिंह, कुलपति, डीडीयू
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