Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुर67 old men become example in fight against corona no entry to officers also

कोरोना से जंग में नजीर बने 67 बुजुर्ग, वृद्धाश्रम में सख्‍ती ऐसी कि अफसरों को भी एंट्री नहीं 

गोरखपुर के वृद्ध आश्रम में रह रहे 67 बुजुर्ग कोरोना महामारी के बीच भी संक्रमण से दूर रहकर दूसरों के लिए नजीर बने हुए हैं। इन सभी की स्वास्थ्य विभाग लॉकडाउन से लेकर अब तक 12 बार जांच करा चुका है। सभी...

Ajay Singh आशीष श्रीवास्‍तव , गोरखपुर Thu, 24 Dec 2020 07:30 PM
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गोरखपुर के वृद्ध आश्रम में रह रहे 67 बुजुर्ग कोरोना महामारी के बीच भी संक्रमण से दूर रहकर दूसरों के लिए नजीर बने हुए हैं। इन सभी की स्वास्थ्य विभाग लॉकडाउन से लेकर अब तक 12 बार जांच करा चुका है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव ही आई। वजह सिर्फ एक है कि वृद्धाश्रम संचालकों ने सख्ती से कोविड गाइडलाइन का पालन किया, इसलिए कोरोना ने भी उनसे दूरी बनाकर रखी।

समाज कल्याण विभाग की देखरेख में चलने वाले बड़गो स्थित वृद्धाश्रम में 90 साल तक के बुजुर्ग हैं, जिनमें से कई शुगर, बीपी, अस्थमा समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी इस वृद्ध आश्रम ने जिस तरह बुजुर्गों को संक्रमण से बचाया है, वो नियमों के पालन की एक मिसाल है। जरा भी सर्दी-जुकाम होने पर बुजुर्गों का कोरोना टेस्ट कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गोरखपुर जिले में 60 साल से ज्यादा उम्र के 10 हजार से ज्यादा बुजुर्ग बीते सात-आठ महीने में संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 170 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है।

खुद रख रहे डिस्टेंसिंग का ख्याल
वृद्धाश्रम में महिला-पुरुष मिलाकर कुल 67 बुजुर्ग हैं। यहां के संचालक एलएन मौर्या बताते हैं कि बुजुर्ग खुद सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हैं। ये सभी लोग केवल भोजन करने ही कमरे से बाहर आते हैं। बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। एक या दो व्यक्ति ही बाहर किराना, दवाई या अन्य सामान लेने जाते हैं। उन्हें वापस आकर गर्म पानी से नहाना होता है। दान में मिली सब्जी और अन्य सामान को सैनेटाइज कर उपयोग में लिया जाता है। यहां सबसे अधिक उम्र शंकर (88) की है। उन्हें शुगर है। महिलाओं में रतनी सबसे बुजुर्ग हैं, इनकी उम्र 72 वर्ष है और ये बीपी की मरीज हैं।

कमिश्नर, डीएम और सीडीओ को भी प्रवेश नहीं
आश्रम में सख्ती इस कदर है कि यहां कमिश्नर, डीएम और सीडीओ तक को कोविड काल में प्रवेश करने नहीं दिया गया। कंबल या सामग्री के लिए जब अफसरों ने आश्रम जाने की इच्छा जताई तो उनसे सुरक्षा का हवाला देकर न आने का अनुरोध किया गया।

बुजुर्गो की सुरक्षा आश्रम के संचालक एलएन मौर्या की जिम्मेदारी है। उन्होंने बड़ी मेहनत की है। उन्हीं की देन हैं कि अभी तक सभी बुजुर्ग कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित हैं।
अलख निरंजन मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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