आसमान से ‘जासूस ढूंढ रहे ‘गायब जमीन
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने विभिन्न परियोजनाओं में अपनी ‘गायब जमीनों की तलाश के लिए एक फर्म को जिम्मा सौंपा है। पहले चरण में तारामंडल क्षेत्र के 16 गांव में 565 हेक्टयेर जमीन को लेकर ऑडिट किया...
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने विभिन्न परियोजनाओं में अपनी ‘गायब जमीनों की तलाश के लिए एक फर्म को जिम्मा सौंपा है। पहले चरण में तारामंडल क्षेत्र के 16 गांव में 565 हेक्टयेर जमीन को लेकर ऑडिट किया जा रहा है। फर्म को जीडीए की जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को चिह्नित करेगी। इसके बाद उनसे जमीन की कीमत के साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा। शुरुआती दिनों में ही करीब 20 हेक्टेयर गायब जमीन की तलाश हो चुकी है। इसके लिए फर्म सैटेलाइट इमेज का भी सहारा लेगी।
जीडीए ने मानबेला, बरगदवा से लेकर तारामंडल क्षेत्र में जमीन का अधिग्रहण कर योजना लांच की है। योजना लांच करने के दौरान लेआउट में बेपरवाही से कई स्थानों पर जमीन बेकार छूट जाती है। इससे जमीनों पर न सिर्फ अवैध कब्जा हो चुका है बल्कि ये विवाद की वजह भी बन रहा है। तमाम जमीनों पर जीडीए के आवंटियों ने ही कब्जा कर रखा है। इसी को देखते हुए जीडीए ने एक प्रतिष्ठित फर्म को गायब जमीनों की तलाश का जिम्मा सौंपा है। फर्म ने करीब 204 हेक्टेयर जमीन पर ऑडिट का काम पूरा भी कर लिया है। फर्म फिलहाल रसूलपुर, गोपालपुर, बिलंदपुर, तालरामगढ़, रुस्तमपुर, दाउदपुर, मोहम्मद चक, भरवलिया खुर्द, भरवलिया बुजुर्ग, गायघाट बुजुर्ग, रामपुर, मनहट, कालेपुर, पड़हा, खोराबार उर्फ सुआ बाजार और जंगल सिकरी उर्फ खोराबार में लैंड ऑडिट कर रही है।
ऑडिट में मिली ‘गायब जमीन : बीते गुरुवार को जीडीए सभागार में यह काम कर रही फर्म की ओर से मुख्य अभियंता, सहायक अभियंता व नियोजन विभाग के समक्ष प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। फर्म ने 204 हेक्टेयर जमीन का ऑडिट कर बड़े पैमाने पर ऐसी जमीन चिह्नित की थी, जिसका कोई उपयोग नहीं किया गया। सूत्रों की माने तो करीब 20 हेक्टेयर गायब जमीन मिली है। हांलाकि इनमें से कई जमीन वाटर बॉडी की है।
अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना और कीमत दोनों की वसूली
लैंड ऑडिट से जीडीए की भूमि पर अतिक्रमण का भी पता चल सकेगा। संभावना जतायी जा रही है कि पुरानी योजनाओं में ध्यान न देने से लोग कुछ हिस्से पर कब्जा भी कर लेते हैं। ऐसी जमीन का पता भी चलेगा, जिसपर कोई विवाद है या मामला न्यायालय में लंबित है। इन मामलों में पैरवी तेज कर कब्जा अपने पास लिया जाएगा। लैंड ऑडिट में इस बात का पता भी चल सकेगा कि किस आवंटी ने आवंटन से अधिक जमीन पर निर्माण कराया है। जितने अधिक हिस्से पर निर्माण कराया गया होगा, उतनी जमीन का वर्तमान मूल्य के अनुसार कीमत वसूल की जाएगी।
बोले जिम्मेदार
जीडीए ने जिन स्थानों पर अधिग्रहण कर योजनाएं विकसित की है, वहां लैंड ऑडिट कराई जा रही है। फर्म ने ऑडिट का काम शुरू कर दिया है। इससे जीडीए की जमीन पर हुए अतिक्रमण का भी पता चलेगा। एक-एक इंच जमीन अवैध कब्जे से खाली कराई जाएगी। ऑडिट के बाद बेशकीमती जमीन पर नई योजना लांच कर प्राधिकरण की आय बढ़ाएंगे।
- पीपी सिंह, मुख्य अभियंता, जीडीए
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