Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुर3 thousand acres of wheat crop ashes in Bansgaon Cachar

बांसगांव के कछार में 3 हजार एकड़ गेहूं की फसल राख

बांसगांव। हिन्दुस्तान संवाद रविवार की दोपहर में आमी नदी के कछार क्षेत्र में लगी...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 5 April 2021 03:42 AM
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बांसगांव। हिन्दुस्तान संवाद

रविवार की दोपहर में आमी नदी के कछार क्षेत्र में लगी आग से दर्जनों गांवों के हजारों किसानों के करीब 3 हजार एकड़ के क्षेत्रफल में खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल जल कर राख हो गई। इसी के साथ किसानों के फसल से जुड़े कई सपने भी राख हो गए। सूचना के चार घंटे बाद एक दमकल गाड़ी के साथ बांसगांव चौराहे पर पहुंचे एसपी साउथ को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। भीड़ ने चौराहा जाम कर एसपी साउथ की गाड़ी को आगे जाने से रोक दिया।

रविवार करीब 11.30 बजे बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम भुसवल और जोत गोटकी के सीवान पर खेत में भूसा बना रही मशीन से निकली चिन्गारी से आग लग गई। तेज पछुआ हवा के चलते आग ने विकराल रूप ले लिया। ग्रामीणों ने 11.40 बजे इसकी सूचना मुकामी थाने पर देते दमकल भेजने की गुहार लगाई। दमकल की गाड़ी के मौके पर पहुंचने के पूर्व ही आग आमी नदी को लांघ कर ताल अमियार क्षेत्र में पहुंच कर रोद्र रूप दिखाने लगी। बेबस किसान अपनी मेहनत से उगाई खड़ी फसल को जलता हुए देख रहे थे। हवा की रफ्तार के साथ आग तेजी से सब कुछ लील लेने को आतुर थी।

बेबस चीखते रहे हजारों किसानों : बांसगांव कस्बे से हजारों किसान कछार क्षेत्र में पहुंच गए। अपने खून और पसीने की कमाई को बर्बाद होते देख परेशान हाल किसान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को दमकल की गाड़ियां भेजने की गुहार लगाने के लिए बार-बार फोन करते रहे। किसी ने उनका फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा जिससे किसानों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।

इन गांवों के किसान आगजनी से प्रभावित : आगजनी की इस घटना में राजस्व ग्राम ताल अमियार, आबगीर के मौजा सुअरहा, परई, मंझरिया, जमुआरी, नम्बर चार, गड़िहर, बलुआडाड़ा के अलावा लालपुर, जयंतीपुर का कछार क्षेत्र, ताल बिजरा, कसिहार, हरदिया, भष्मा, कटया आदि के हजारों किसानों की करीब 3 हजार एकड़ फसल जल कर राख हो गई।

सब कुछ तबाह होने के बाद पहुंचे अधिकारी

आगजनी की भीषण घटना की मोबाइल फोन से दी जाने वाली किसानों की सूचना का संज्ञान लेने की जहमत न उठाने वाले अधिकारी शाम को मौके पर तब पहुंचे। जब आग की तबाही का मंजर खत्म हो गया था। खेतों में पककर लहलहा रही गेहूं की फसल राख में तब्दील हो चुकी थी। करीब चार बजे फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी के साथ एसपी साउथ अरूण कुमार सिंह पहुंचे। जिन्हे किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इसके बाद एसडीएम विनय पाण्डे, एडीएम प्रशासन चतुर्भुजी गुप्ता आगजनी से हुए क्षति का जायजा लिया।

गुस्साए किसान डीएम से वार्ता पर अड़े

आगजनी रोकने में प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से गुस्साए किसानों ने बांसगांव चौराहे जाम कर दिया। जोरदार नारेबाजी की। चौराहे पर जाम लगाए बैठे किसानों से वार्ता के लिए एडीएम, एसडीएम, एसपी साउथ शाम करीब छह बजे मौके पर पहुंचे। लेकिन किसान जिलाधिकारी से वार्ता करने के लिए मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। किसानों का उग्र रूप देख प्रशासन के माथे पर बल आने लगा। सूचना पर भारी संख्या में पुलिस के जवानों के साथ सीओ श्यामदेव समेत खजनी, उरुवा, सिकरीगंज, बेलीपार, गगहा, गोला बांसगांव थाने की फोर्स भी पहुंच गई थी।

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प्रभावित किसानों को दिलाया जाएगा मुआवजा : डॉ. विमलेश

आमी ताल में लगी भीषण आग से फसल जलने पर बांसगांव के भाजपा विधायक डॉ. विमलेश पासवान ने दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने डीएम व एसडीएम बांसगांव से भी बात कर अगलगी की घटना में हुए क्षति का अतिशीघ्र आंकलन रिपोर्ट बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चौबीस घंटे में रिपोर्ट बनवाकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

बेलीपार क्षेत्र के कई गांवों को लिया आगोश में

बेलीपार हिंदुस्तान सवाद

बांसगांव क्षेत्र के नगरी कालिका में भूसा बनाने वाली मशीन से निकली चिन्गारी से लगी भीषण आग ने पछुआ हवा के साथ बेलीपार इलाके का भी रुख कर लिया था। इस इलाके के ककराखोर, खरोहवा, बडेरीया, डेफरा, रेहरा, कुसमौल, जुड़ापुर,मेहरौली, खोरठा, भुसवल, चंदौली, हाटा, महाडीह, नाऊरदेउर, मेहरौली,भस्मा,कटया, बेलीपार, बिस्टौली,भरवल, हरदिया व कसिहार समेत अन्य गांव के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ गेहूं के खड़ी फसल जलकर राख हो गए।

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