Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुर15 thousand families will be looking for corona infection

15 हजार परिवारों में होगी कोरोना संक्रमण की तलाश

जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद शासन संजीदा हो गया है। जिले में कोरोना संक्रमण की वास्तविक पहचान के लिए सीरो सर्वे शुक्रवार से शुरू होगा। इसमें चयनित लोगों के शरीर में कोरोना व...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 3 Sep 2020 03:46 AM
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जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद शासन संजीदा हो गया है। जिले में कोरोना संक्रमण की वास्तविक पहचान के लिए सीरो सर्वे शुक्रवार से शुरू होगा। इसमें चयनित लोगों के शरीर में कोरोना व हेपेटाइटिस बी व सी की एंटीबाडी (प्रतिरोधक क्षमता) का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाएगी। इससे समुदाय में फैली इन बीमारियों का पता चलेगा। उसके आधार पर रोकथाम के उपाय किए जाएंगे।

शासन ने सूबे के 11 जिलों में सीरो सर्वे कराने का फैसला किया है। इसमें पूर्वी यूपी में गोरखपुर शामिल है। यह सर्वे पहले 28 अगस्त से शुरू होना था। कोरोना संक्रमण के चलते सर्वे को एक हफ्ते के लिए स्थगित किया गया था। सर्वे की निगरानी लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की टीम कर रही है। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों का वर्चुअल प्रशिक्षण हो चुका है, अब वे गुरुवार को टीमों में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे।

एंटीबाडी की होगी जांच : कोरोना संक्रमण के कारण शरीर में एंटीबाडी बन जाती है। बहुत से लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं आते। एंटीबाडी से समुदाय में इन बीमारियों की प्रसार दर के बारे में पता चल सकेगा। इसके लिए 17004 घरों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का आकलन किया जाएगा। चार-चार सदस्यों की 10 टीमें गठित कर दी गई हैं। सर्वे के लिए 38 गांवों व सात शहरी क्षेत्रों को चुना गया। 18-59 आयु वर्ग के लोगों से उनकी सहमति लेकर उनके ब्लड सैंपल लिए

यहां होगा सर्वे

बेलघाट, खजनी, बड़हलगंज, गोला, उरुवा, बांसगांव, कौड़ीराम, गगहा, सहजनवा, पाली, खोराबार, सरदारनगर, पिपराइच, भटहट और जंगल कौड़िया स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले गांव एवं वार्ड तथा जाफरा बाजार, निजामपुर, मोहद्दीपुर और बेतियाहाता स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आने वाले शहरी इलाकों को शामिल किया गया है।

ये हो सकते हैं प्रतिभागी

सर्वे में शामिल होने के लिए प्रतिभागी की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उन्हें लिखित सहमति भी देनी होगी। अंग्रेजी व हिंदी भाषा का ज्ञान होना चाहिए। अध्ययन के दौरान प्रतिभागी की निजता और गोपनीयता पूरी तरह से बरकरार रखी जाएगी।

बोले सीएमओ

अध्ययन के लिए चिन्हित किए गए लोगों को आशा कार्यकर्ता एक स्थान पर एकत्रित करेंगी। उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। इसके बाद उनकी सहमति लेकर ब्लड सैंपल लिए जाएंगे, जिस पर अध्ययन किया जाएगा। सर्वे चार सितंबर से शुरू हो जाएगा।

-डॉ. श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

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