टूट गया बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना, हॉस्टल की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत; हत्या का शक
- 25 वर्षीय कुशाग्र प्रताप सिंह MBBS सेकेंड ईयर का छात्र था। वह हास्टल नंबर-2 में ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरा नंबर 14 में रहता था। शनिवार शाम को कुशाग्र के कमरे में पार्टी थी। पुलिस को अन्य छात्रों ने बताया कि रात में पार्टी के दौरान कमरे में कुशाग्र के साथ मारपीट हुई थी।
Death of medical student: इकलौते बेटे को डॉक्टर बनाने का मां-बाप का सपना टूट गया।यूपी के शाहजहांपुर के बंथरा स्थित वरुण अर्जुन मेडिकल कालेज में एमबीबीएस सेकंड ईयर के छात्र कुशाग्र प्रताप सिंह की हॉस्टल की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने जांच के बाद कहा है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कुशाग्र ने सुसाइड किया है या उसे किसी ने धक्का देकर नीचे गिराया है। कुशाग्र ने खुदकुशी की या फिर उसकी हत्या हुई है, इसकी जांच की जा रही है। एसओजी को जांच को लगाया गया है। गोरखपुर के राप्तीनगर, एमआईजी 35, फेज वन शाहपुर निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह और मंजुला सिंह का इकलौता बेटा 25 वर्षीय कुशाग्र प्रताप सिंह बंथरा स्थित वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकेंड ईयर का छात्र था।
इधर, गोरखपुर के राप्तीनगर निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह के बेटे कुशाग्र प्रताप की मौत से मोहल्ले के लोग सन्न हैं। इकलौते बेटे की मौत से परिवार पर वज्रपात टूट गया है। मां-बाप ने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। डॉक्टर की डिग्री के बाद बेटे को किसी तरह आगे दिक्कत न हो, इसके लिए उन्होंने अपने मकान में ही किराये पर हॉस्पिटल भी दे रखा था। मकसद यह था कि भविष्य में बेटा हॉस्पिटल चला सके।
जैतपुर के मूल निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह गोरखपुर में राप्तीनगर फेज वन में मकान बनवा कर पत्नी के साथ रहते हैं। उनके इकलौता बेटे कुशाग्र ने लखनऊ से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद वहीं से तैयारी कर 2022 में शाहजहांपुर स्थित वरुण अर्जुन मेडिकल कालेज में एडमिशन लिया था। यह उसका दूसरा साल था। मेडिकल कॉलेज में ही हॉस्टल नंबर दो के ग्राउंड फ्लोर के कमरा नम्बर 14 में कुशाग्र रहता था। रविवार की सुबह रोड पर कुशाग्र का शव देखकर गार्ड ने पुलिस को सूचना दी। रविवार को अजय प्रताप सिंह और उनकी पत्नी तब राप्तीनगर वाले मकान पर ही थे, तभी करीब सुबह नौ बजे पिता को कुशाग्र की मौत की सूचना मिली।
इसके बाद बदहवास पति-पत्नी घर में ताला बंद कर यहां से निकल गए। अजय प्रताप सिंह के मकान में किराये पर लोकप्रिय हॉस्पिटल चलता है। उसके कर्मचारियों ने बताया कि सुबह काफी हड़बड़ी में दोनों लोग निकले हैं लेकिन उन्होंने कुछ बताया नहीं है। आसपास के लोग भी इस खबर से शाम तक अनजान ही थे। हालांकि, जिसे भी अजय प्रताप सिंह के बेटे की मौत के बारे में जानकारी हुई, वह सन्न रह गया। वहीं कुशाग्र की मौत की सूचना पर मेडिकल कालेज पहुंचे चचेरे भाई नवीन सिंह ने इस घटना के लिए कालेज प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है।
हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी मौत की गुत्थी
कुशाग्र की मौत हत्या या आत्महत्या, यह सवाल हर किसी के जेहन में है। जिस तरह से मेडिकल कालेज प्रबंधन और वहां के छात्र कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, उससे पुलिस को आशंका है कि दाल में कुछ काला है। कुशाग्र की हास्टल के तीसरी मंजिल से गिर या धक्का देने से हुई मौत के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां के हालात सामान्य नहीं थे। कुशाग्र के कमरे में सामान तितर बितर था। मेज पर शराब की बोतल थी, ग्लास में पैग था। हॉस्टल के छात्र कुछ भी कहने से बच रहे थे।
शाहजहांपुर के बंथरा स्थित वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर स्थित राप्ती नगर एमजी 35, फेस वन थाना शाहपुर निवासी अजय कुमार सिंह एडवोकेट के इकलौते बेटे कुशाग्र प्रताप सिंह एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसका शव रविवार सुबह कॉलेज कैंपस में बने हॉस्टल नंबर 2 के बाहर सड़क पर पड़ा मिला। पुलिस का कहना है कि कुशाग्र हॉस्टल की तीसरी मंजिल से गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में छात्रावास के कुछ छात्रों ने पुलिस को गुपचुप तरीके से बताया कि छात्र कुशाग्र के कमरे में शनिवार रात को पार्टी की गई थी। पार्टी में कुशाग्र के साथी छात्र मौजूद थे। चर्चा है कि रात लगभग 1230 बजे तक पार्टी चली। अंत में कुशाग्र का अपने साथियों से झगड़ा हो गया था।
चर्चा है कि साथियों ने कुशाग्र के साथ गाली-गलौज करते हुए धक्का-मुक्की भी की थी। इसके बाद सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में हॉस्टल के नीचे सड़क पर कुशाग्र का शव लहुलूहान हालत में पड़ा मिला था। पुलिस भी घटना को संदिग्ध मानते हुए एक-एक बिंदु पर जांच कर रही है। कुशाग्र के चचेरे भाई नवीन विजय सिंह एवं सूरज प्रताप सिंह ने सीसीटीवी नहीं चलने सहित अन्य कई कमियों को लेकर कॉलेज प्रशासन पर ही कई सवाल खड़े कर दिए।
संदिग्ध लग रहा मामला
पुलिस को प्रथमदृष्टया मामला संदिग्ध लग रहा है। कुशाग्र का जब शव देखा गया तो वह पीठ के बल पड़ा था। सिर के पिछले भाग में दायीं ओर जख्मी था। उसकी आंखें खुली हुई थीं। टीशर्ट सीने तक चढ़ी हुई थी। उसके दोनों हाथ सीने पर थे। एक हाथ की मुटठी बंद और दूसरा हाथ खुला था। पोस्टमार्टम में कुशाग्र के शरीर पर सिर की ही चोट मिली। शरीर पर कोई चोट नहीं है। ऊपर से अगर कोई खुद कूदता है तो वह पैरों के बल गिरता है और पैर टूट तक जाते हैं। पुलिस जांच कर रही है और छात्रों से पूछताछ की है। वहीं कॉलेज प्रबंधन इस पर चुप्पी साधे है।
टेबल पर शराब का पैग मिला
पुलिस जब कमरा नंबर 14 में पहुंची तो कमरे का सामान बिखरा हुआ पड़ा था, उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि इस कमरे में या तो सामान फेंका गया है या फिर लड़ाई-झगड़े में सामान बिखरा है। इसी के साथ पुलिस को कमरे की एक टेबल पर शराब की बोतलें तथा एक ग्लास में शराब का पैग रखा हुआ मिला। कमरे के हालात को देखकर दोस्तों की पार्टी होने के बाद झगड़ा होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। सीओ अमित चौरसिया ने एसडीएम ज्ञानेंद्र नाथ सिंह की मौजूदगी में कमरे को सील करा दिया है।
सात छात्रों को पुलिस ने लिया हिरासत में
पुलिस घटना को संदिग्ध मानते हुए एसपी राजेश एस के निर्देश पर एक-एक बिंदु पर जांच करने में जुटी है। इसी को लेकर सीओ अमित चौरसिया ने कुशाग्र के पड़ोस मे रहने वाले छात्रों से काफी देर तक पूछताछ की। वहीं पुलिस ने संदिग्ध छात्रों के सात मोबाइल फोन अपने कब्जे में लेते हुए पूछताछ के लिए एमबीबीएस के सात छात्रों को भी हिरासत में लिया है।
456 किलोमीटर दूर मां को लग गया था कुछ अटपटा
कुशाग्र का गोरखपुर स्थित घर करीब 456 किलोमीटर दूर है। शनिवार रात को करीब 8.45 बजे कुशाग्र ने अपनी मां मंजुला सिंह को फोन किया था। 8 मिनट तक कुशाग्र और उनकी मां की सामान्य बातचीत हुई। इस दौरान मां मंजुला सिंह ने कुशाग्र से पूछा था कि तुम्हारी आवाज भारी क्यों है, तब कुशाग्र ने जवाब दिया कि सर्दी जुखाम है, इसलिए आवाज भारी हो गई है। यह पूरी जानकारी कुशाग्र के पिता अजय कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि कुशाग्र से बातचीत के दौरान ही उसकी मां को कुछ अटपटा लगा था, लेकिन कुशाग्र ने तबीयत को सर्दी जुकाम बताकर बात को काट दिया। मौके पर पहुंचे कुशाग्र के परिजन इस मौत को सुसाइड न मानकर धक्का देने का आरोप लगा रहे हैं।
कुशाग्र के चाचा ने जताया शक तो खुला बंद कमरा
मौके पर पहुंचे रेलवे लखनऊ में एक्सईएन कुशाग्र के चाचा धीरेंद्र सिंह ने कमरा नंबर 153 के बाहर केक के निशान देखे। शक होने पर धीरेंद्र सिंह ने मेडिकल कालेज प्रशासन से कमरा खोलने को कहा। पूरे कमरे को देख कर लग रहा था कि किसी का जन्मदिन मनाया गया हो, केक पूरे कमरे में फैला हुआ था, खाने-पीने का सामान बिखरा हुआ था। कमरा नंबर 153 में मिला फावड़े का बेट, आधा डंडा भी था। इसके बाद कमरे में फिंगर प्रिंट लिए गए। कमरे में सब सामान सील किया गया। परिवारीजन इसे पुलिस की चूक भी मान रहे हैं। कुछ लोग इसे घटना को दूसरा रूप देने की बात कह रहे हैं। उधर रविवार को एक भी छात्र हॉस्टल से बाहर नहीं निकला।
हॉस्टल के तीन कमरों से खुलेगा मौत का राज
हॉस्टल नंबर-2 के तीन कमरों से ही कुशाग्र की मौत का राज खुलने की संभावना है। पहला रूम नंबर 14 जिसमें कुशाग्र रहता था, वारदात वाली रात में उसके साथ कमरे में कोई साथी भी था, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया है। दूसरा तीसरी मंजिल पर बने रूम नंबर 159 में भी कुशाग्र की मौत का सिरा मिल सकता है, पुलिस का मानना है कि रूम नंबर 159 से ही कुशाग्र गिरा या गिराया गया। तीसरा रूम नंबर 153 जिस पर सुबह से लेकर शाम तक पुलिस की नजर ही नहीं गई। तीसरी मंजिल पर मौजूद 153 नंबर के रूम में ताला पड़ा हुआ था।