UP Good News: दिवाली के पहले पनकी पॉवर प्लांट से बनने लगेगी बिजली, सभी तैयारियां पूरी
- पॉवर प्लांट प्रबंधन ने बिजली बनाने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। बंकर में 3200 टन कोयला भर दिया गया है। कोल फायर करते ही बिजली बनने लगेगी। शुरुआत में आठ घंटे तक प्लांट चलाकर बिजली बनाई जाएगी। बिजली का उत्पादन होते ही कानपुर समेत आसपास के जिलों में लो वोल्टेज की समस्या खत्म हो जाएगी।
UP's sixth power plant: दिवाली के पहले कानपुर में पनकी स्थित 660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट से प्रदेश को बिजली मिलने लगेगी। 5816.70 करोड़ रुपये की लागत से बने प्लांट से 25 अक्तूबर से कोयले से बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाला प्रदेश का छठवां तापीय विद्युत संयंत्र है। पॉवर प्लांट प्रबंधन ने बिजली बनाने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। बंकर में 3200 टन कोयला भर दिया गया है। कोल फायर करते ही बिजली बनने लगेगी। शुरुआत में आठ घंटे तक प्लांट चलाकर बिजली बनाई जाएगी। छह अगस्त को प्लांट में ऑयल सिंक्रोनाइजेशन यानी लाइट डीजल ऑयल से 58 मेगावाट लोड तक बिजली का उत्पादन कर ट्रायल किया जा चुका है।
कानपुर के आसपास वोल्टेज समस्या होगी खत्म
बिजली का उत्पादन होते ही कानपुर समेत आसपास के जिलों में लो वोल्टेज की समस्या खत्म हो जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा गर्मियों में मिलेगा। गर्मी में मांग अधिक होने की वजह से ट्रांसमिशन सबस्टेशनों से केस्को को मिलने वाली बिजली का वोल्टेज कम हो जाता है। दूर दराज के पॉवर प्लांट से ट्रांसमिशन लाइनों से बिजली आने में उसका क्षरण होने से वोल्टेज कम होता है। अब पनकी में पैदा बिजली से ट्रांसमिशन सबस्टेशनों की टिपिंग बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। ग्रिड पर बिजली जाने से जरूरत के हिसाब से प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में बिजली दी जाएगी।
24 घंटे में तीन मालगाड़ी कोयले की होगी खपत
पनकी पॉवर प्लांट में 24 घंटे तक निर्बाध बिजली उत्पादन करने में तीन मालगाड़ी कोयले की खपत होगी। एक मालगाड़ी में 3200 टन कोयला आता है, जिससे आठ घंटे बिजली बन पाती है। पनकी पॉवर प्लांट को कोयला लाने के लिए झारखंड के खदान तय हो चुके हैं। पनकी स्टेशन से पनकी पॉवर प्लांट तक रेलवे लाइन बनाकर प्रबंधन ने 14 करोड़ रुपये की लागत से दो डीजल इंजन भी खरीदे हैं। बीएचईएल ने प्लांट में 22 किमी की रेलवे लाइन भी रेलवे की संस्था राइट्स से बनवाई है।
यूपी का छठवां पॉवर प्लांट, पांच में 7140 मेगावाट क्षमता
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधीन आने वाले पॉवर प्लांट से 7140 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। सोनभद्र के अनपरा पॉवर प्लांट की 7 इकाइयों से 2630 मेगावाट, ओबरा पॉवर प्लांट की 6 इकाइयों से 1660 मेगावाट, एटा के जवाहरपुर पॉवर प्लांट की एक इकाई से 660, झांसी के पारीछा पॉवर प्लांट की चार इकाइयों से 920 मेगावाट और अलीगढ़ की हरदुआगंज पॉवर प्लांट की चार इकाइयों से 1270 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। पनकी में 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई स्थापित हुई है। जबकि कानपुर नगर के घाटमपुर में नेयवेली लिग्नाइट पॉवर प्लांट में 660 मेगावाट की 3 इकाइयां स्थापित हो रही हैं।
घाटमपुर से पहले पनकी बना लेगा बिजली
घाटमपुर में नेयवेली लिग्नाइट पॉवर प्लांट में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसकी 660 मेगावाट यूनिट की एक इकाई से ऑयल सिंक्रोनाइजेशन पनकी पॉवर प्लांट के पहले हुआ था लेकिन अभी कोल फायर कर बिजली उत्पादन की कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। पनकी पॉवर प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक जीके मिश्रा के काम संभालने के बाद तेजी से काम हुआ, जिसकी वजह से दिवाली के पहले बिजली उत्पादन शुरू हो रहा है। कोविड काल के बाद काम तेजी से न कराया जाता तो पनकी से भी बिजली का उत्पादन करने में अभी दो साल और लगते।
क्या बोले मुख्य महाप्रबंधक
पनकी पावर प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक जीके मिश्रा ने कहा कि कॉमर्शियल बिजली का उत्पादन 25 अक्तूबर से शुरू होगा। दिवाली के पहले प्रदेश को बिजली दी जाने लगेगी। बिजली बनाने की सभी तैयारियां कर ली गई हैं। प्लांट के बंकर में 3200 टन कोयला भर दिया गया है। शुरुआत में आठ घंटे तक बिजली का उत्पादन किया जाएगा।