गुड न्यूज: ब्लॉकों और गांव-गांव तक चलेंगी बसें, पहले 6 जिलों में होगा ट्रायल
- कोशिश रहेगी कि हाइवे और लिंक रोड के बीच में पड़ने वाले ब्लॉकों से ये बसें दिनभर में एक बार जरूर गुजरें। इनका समय ऐसा रखा जाएगा, जिससे नौकरी पेशा दैनिक यात्रियों और विद्यार्थियों को भी फायदा पहुंचे। परिवहन निगम ने इन रूटों के लिए ‘समन्वय परिवहन व्यवस्था’ नाम से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
UP Roadways: परिवहन निगम ने प्रदेश के अधिकतर ब्लॉक और गांव-गांव तक बसों की सेवा मुहैया कराने के लिए एक और पहल की है। इसके तहत यूपी के करीब 3000 रुटों पर रोडवेज बस और निजी बसों के साथ समन्वय कर इनका आवागमन तय करेगा। कोशिश रहेगी कि हाइवे और लिंक रोड के बीच में पड़ने वाले ब्लॉकों से ये बसें दिनभर में एक बार जरूर गुजरें। इनका समय ऐसा रखा जाएगा, जिससे नौकरी पेशा दैनिक यात्रियों और विद्यार्थियों को भी फायदा पहुंचे। परिवहन निगम ने काफी मंथन कर इन रूटों के लिए ‘समन्वय परिवहन व्यवस्था’ नाम से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
इस प्रस्ताव में परिवहन को सुगम बनाने और छोटे-छोटे शहरों को भी बस सेवा काफी आसानी से मुहैया कराने के लिए कई पहलुओं को समाहित किया गया है। यह भी ध्यान रखा गया है कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा की भी व्यवस्था रहे। परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह, एमडी मासूम अली सरवर और राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सगीर अहमद अंसारी ने प्रस्ताव में उन बिन्दुओं को रखा है, जिससे उन इलाकों को लाभ मिले जो हाइवे पर रोडवेज बसों के संचालन से छूट जा रहे हैं और ये इलाके हाइवे से सटे हुए हैं।
सीमा से सटे प्रदेशों से भी होगा समन्वय
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि समन्वय परिवहन व्यवस्था के तहत यूपी से सटे प्रदेशों को आने-जाने वाले यात्रियों को भी राहत मिलेगी। सीमा से सटे प्रदेशों हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली के छोटे गांवों व ब्लॉक तक बसें मुहैया कराने का प्रयास होगा। कुछ प्रदेशों में परिवहन निगम का गठन नहीं है। वहां चलने वाली निजी बसों के साथ समन्वय किया जाएगा।
छह जिलों में होगा ट्रॉयल
परिवहन निगम के सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ के साथ रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखीमपुरखीरी में ट्रॉयल के तौर पर इसे शुरू किया जाएगा। इसके बाद इस व्यवस्था को पूरे यूपी में लागू कर दिया जाएगा।