घरेलू कलह में पहले बहू फिर सास ने फंदे पर लटक दी जान
Gonda News - लक्ष्मणपुर लालनगर गांव में एक बहू ने घरेलू कलह के चलते आत्महत्या कर ली। डेढ़ वर्षीय बच्चे के रोने पर पड़ोसियों ने शव देखा। इसके बाद उसकी सास भी आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और...

इटियाथोक, संवाददाता। कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मणपुर लालनगर गांव में शुक्रवार रात घरेलू कलह में बहू ने कमरे में फंदे पर लटककर जान दे दी। डेढ़ वर्षीय बच्चे के रोने पर पड़ोसियों को इसकी जानकारी हुई। घटना के बाद खौफजदा सास ने कुछ देर बाद घर से चंद कदम दूर अपने खेत में शीशम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी। घटना की जानकारी होने पर एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत और प्रभारी निरीक्षक ने भी मौके पहुंचकर जांच-पड़ताल की है। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मामला क्षेत्र के लक्ष्मणपुर लालनगर का है। यहां के रहने वाले दीनानाथ अपनी पत्नी, मां- बाप के साथ रहते थे।
दीनानाथ का बेटा राजन डेढ़ साल का है। दीनानाथ बाहर रहकर मजदूरी करता है। बताया जा रहा है दीनानाथ की पत्नी संगीता (35) का मायका नारे महरीपुर गांव में हैं। वह पटीदारी में शादी होने की वजह से दो-तीन दिन पहले ही ससुराल आई थी। शुक्रवार रात खाना खाकर दीनानाथ के परिवार के लोग सोने चले गए। बताया जा रहा है कि किसी बात को संगीता ने अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र को पीट दिया। इस पर सास ने उसे डांट-फटकार दिया। इससे नाराज होकर संगीता बच्चे को छोड़कर घर के कमरे में चली गई। अंदर से कुंडी बंद करके फंदे पर लटककर उसने जान दे दी। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर जुटे लोगों ने दीवार हटाकर देखा तो संगीता का शव फंदे से लटक रहा था। बताया जा रहा है कि घटना के बाद खौफ में आई सास छोटका देवी (65) पत्नी बृजराज भी थोड़ी देर बाद अपने ही खेत में जाकर शीशम के पेड़ से साड़ी का फंदा बनाकर लटक गई। मौके पर डॉग स्क्वॉयड और फॉरेसिंक टीम ने भी छानबीन करने के बाद सुबूत जुटाए हैं। एक ही घर में दो लोगों की मौत से गांव में सन्नाटा पसरा है। कोतवाल शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि छोटका देवी और संगीता देवी का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में अग्रिम कार्रवई होगी। मां-बेटे अलावा घर में सिर्फ थे सास-ससुर: लक्ष्मणपुर लालनगर गांव में मां-बेटे के साथ सिर्फ सास छोटका और ससुर बृजराज घर पर थे। बताया जा रहा है कि बृजराज काफी दिनों से लकवाग्रस्त हैं। वह चलने फिरने और बोलने में असमर्थ है। बृजराज के चारों बच्चे बाहर रहकर मजदूरी का काम करते हैं। शनिवार की सुबह लोगों को घटना की जानकारी हुई। हालांकि गांववाले इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
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