गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए निहाल
Gonda News - रुपईडीह में आयोजित श्री रुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में आचार्य मनीष चतुर्वेदी ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। कथा में इन्द्र का अभिमान चूर करने के लिए श्री कृष्ण ने...
रुपईडीह, संवाददाता। शंकर शिवाला आर्यनगर पर आयोजित श्री रुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास आचार्य मनीष चतुर्वेदी ने भगवान श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता, रासलीला, बकासुर वध एवं गोवर्धन पूजा का वर्णन किया। कथा सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा व्यास मनीष चतुर्वेदी ने कहा कि एक बार देवराज इन्द्र का अभिमान चूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक लीला रची। जब उन्होंने देखा कि बृजवासी किसी पूजा की तैयारी में जुटे हैं। इस पर श्री कृष्ण ने कहा कि हम सबको गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें वहीं चरती हैं और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते। अपनी पूजा न होने पर देवराज इन्द्र ने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। इस पर ब्रज के लोगों के कष्ट देख कर कृष्ण ने विराट रूप धारण करके कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासियों को उसमें शरण दी। सात दिन तक लगातार वर्षा करने पर इंद्र को कृष्ण की शक्ति का अहसास हुआ और वे ब्रह्मा जी के पास पहुंचे जिन्होंने बताया कृष्ण भगवान विष्णु के साक्षात अंश और पूर्ण पुरुषोत्तम नारायण हैं। यह सुनकर लज्जित इन्द्र ने मुरलीधर से क्षमा मांग कर उनकी पूजा कर उन्हें भोग लगाया। कथा के दौरान कलाकारों ने बीच-बीच में श्री कृष्ण की लीलाओं, कृष्ण सुदामा की मित्रता की मनमोहक झांकियां निकाली। इसमें राम त्रिपाठी, रवि श्रीवास्तव, विवेक चौबे, अमित सिंह, अज्जू चौबे, अतुल तिवारी, गुड्डू सिंह, सौरभ तिवारी, सोनू शुक्ला, नवनीत चौबे, वाल्मीक तिवारी, विवेक श्रीवास्तव, संतोष पाण्डेय, साजन चौरसिया, लाल जी सिंह, राम जन्म चौरसिया, मुकेश जयसवाल, भोले तिवारी, भीम सिंह रहे।
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