श्रीराम को वर रूप में पाने को सीता ने किया पूजन
श्री बालाजी रामलीला कमेटी द्वारा ग्राम सोनवार में श्री रामलीला उत्सव आयोजित किया गया। इसमें अहिल्या उद्धार, गंगा तट, नगर दर्शन और पुष्पवाटिका की लीलाएं मंचित की गईं। श्रीराम ने श्रापित अहिल्या का...
करनैलगंज, संवाददाता। श्री बालाजी रामलीला कमेटी के तत्वावधान में ग्राम सोनवार में चल रहे श्री रामलीला उत्सव में अहिल्या उद्धार, गंगा तट, नगर दर्शन व पुष्पवाटिका तक की लीलाएं मंचित की गईं। मंचन में दिखाया गया कि ऋषि विश्वामित्र के साथ जा रहे श्रीराम, लक्ष्मण को मार्ग में एक आश्रम दिखाई पड़ा। उसके बारे में पूछने पर विश्वामित्र ने बताया कि यह गौतम ऋषि का आश्रम है। इसके पश्चात गौतम की पत्नी अहिल्या के शिला होने तक की कथा मंचित की गई। श्रीराम ने श्रापित शिला रूपी अहिल्या का उद्धार किया। आगे चलकर वे गंगा तट पर स्नान के बाद जनकपुर पहुंचते हैं। उनके आगमन का समाचार पाकर राजा जनक ने अपने गुरु सतानंद के साथ आकर तीनों का स्वागत किया और सुंदर सदन में विराजमान कराते हैं। गुरु से आज्ञा लेकर राम, लक्ष्मण नगर दर्शन को जाते हैं, जहां पुर बालक आकर उन्हें नगर भ्रमण कराते हैं। पुष्पवाटिका में जनकपुरी की नारियां राजपुत्रों को देखकर मुग्ध हो जाती हैं और श्री राम को सीताजी के योग्य वर की कामना करती हैं। माता जानकी भी श्रीराम को वर के रूप में पाने के लिए गौरी जी की पूजा करती हैं। इस मौके पर बृजमोहन पाण्डेय, मुकेश मिश्रा, विकास मिश्रा, छोटे शुक्ला, राहुल तिवारी, रणविजय शुक्ला, विनोद पाण्डेय, विपिन शुक्ला, चंदन पाण्डेय, पप्पू तिवारी, अतुल शुक्ला, दीपक मिश्रा, दिवाकर पाण्डेय, कृष्ण कुमार मिश्रा, पवन कुमार, पिंकू पाण्डेय, कल्याण पाण्डेय, अमन, शिवा समेत तमाम भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
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