रेलवे अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, कर्मचारी परेशान
गोंडा के उप मंडलीय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण 10,000 से अधिक मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। रेलवे कर्मचारियों को कई बीमारियों के लिए रेफर किया जा रहा है। अस्पताल में ईएनटी,...
अस्पताल पर है 10 हजार से अधिक लोगों इलाज की जिम्मेदारी गोंडा के उप मंडलीय अस्पताल से रेफर कर दिए जाते हैं मरीज
गोण्डा, संवाददाता। रेलवे के उप मंडलीय चिकित्सालय गोंडा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी ने रेलकर्मियों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। इससे रेल कर्मियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों के कई पद रिक्त है। इसके बाद भी रेल कर्मियों का बराबर इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। रेलकर्मियों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए सभी कर्मचारी बराबर ध्यान रखते हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल अंतर्गत उपमंडलीय चिकित्सालय गोंडा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। यहां पर ईएनटी सर्जन नहीं है। यही नहीं रेलवे अस्पताल में सर्जरी नहीं हो पाती है। इसकी वजह अस्पताल में किसी सर्जन की तैनाती न होना बताई जा रही है। नेत्र चिकित्सक न होने से रेलकर्मी आए दिन दुश्वारी झेलते हैं। आंख की समस्या से प्रभावित मरीजों के पहुंचते ही चिकित्सक उन्हें रेफर कर देते हैं। रेलकर्मियों ने नेत्र चिकित्सक के तैनाती के लिए निरीक्षण में आए जीएम और मंडल रेल प्रबंधक से अनुरोध किया था। इसके बावजूद भी इस तरह ध्यान नहीं दिया गया। इसी प्रकार अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ का पद भी रिक्त है।
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