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तालाबों में नहीं पानी, बूंद-बूंद पानी को तरसे जीव जंतु

Gonda News - गोंडा में तापमान बढ़ने से पशु-पक्षियों को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। तालाब सूख रहे हैं, जिससे जानवर गांवों की ओर दौड़ने को मजबूर हो रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 3699 तालाबों में...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाWed, 30 April 2025 01:05 AM
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तालाबों में नहीं पानी, बूंद-बूंद पानी को तरसे जीव जंतु

गोण्डा, संवाददाता। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते हुए तापमान में सबसे अधिक पशु पक्षियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पशु - पक्षी बूंद - बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। तालाब सूखे हुए हैं। तालाबों में पानी भरवाने का निर्देश तो जारी किया गया है। गांव में स्थिति ऐसी है कि अधिकतर तालाब सूखे हैं जिनमें पानी नहीं है। ऐसे में छुटटा जानवर भी काफी परेशान नजर आ रहे हैं। जिले के सभी ब्लाकों पर गौर करें तो सरकारी आंकड़ों में 3699 तालाब दर्ज बताए जा रहे हैं। जिनमें अभी तक 332 तालाब में ही पानी भरने की कार्रवाई पूरी की गई है। इनमें भी 278 तालाब अमृत सरोवर के बताए जा रहे हैं। जिनमें पानी भरकर आंकड़ों की खाना पूर्ति की जा रही है। बभनजोत में 110 तालाब में 18 तालाब में ही पानी भरने की कार्रवाई पूरी की जा सकी है। यही नहीं गौर करें तो बेलसर में 90 तालाब में 14 तालाब, छपिया में 239 तालाब में 18, कर्नलगंज में 252 तालाब में 19 ,हलधरमऊ में 317 तालाब में 18, इटियाथोक में 299 तालाब में 11, झंझरी में 318 तालाब में 35 ,कटरा बाजार में 275 तालाब में 12 ,मनकापुर में 206 तालाब में 21, मुजेहना में 300 तालाब में 16 ,नवाबगंज में 169 तालाब में 27, पडरी कृपाल में 329 तालाब में 48 ,परसपुर में 127 तालाब में 21, रुपईडीह में 407 तालाब में 22, तरबगंज में 91 तालाब में 15 और वजीरगंज में 170 तालाब में 17 तालाब के भरने की सूचना सरकारी आंकड़ों में दर्ज है।

प्यास से परेशान जानवर गांव में घुस रहे : प्रचंड गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए पशु-पक्षी बेहाल नजर आ रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों से तालाब में पानी नहीं भराया गया है, जिसके कारण जानवर गांवों की तरफ दौड़ते हैं। हाल ही में मनकापुर क्षेत्र में एक हिरन गांव में घुस गया था, जिसे ग्रामीणों ने समय रहते बचा लिया और वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। बताया जाता है कि पानी की तलाश में वह गांव में आ गया था।

ज्यादातर इलाकों में सूखी है नहरें : जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से होकर निकाली गई नहरो में इन दिनों पानी नहीं है, जिससे किसानों को तो सिंचाई व्यवस्था में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यही नहीं पशु पक्षियों को भी पानी पीने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इन सब के बावजूद इस तरफ ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है।

कोट

ग्राम पंचायतों के तालाबों में नियमानुसार पानी भरवाने के निर्देश दिए गए हैं ।जिससे पशु पक्षियों को किसी प्रकार की पानी के लिए दिक्कत न हो। जिन पंचायतों में अभी तक पानी नहीं भरवाया गया है। सूचना मिलने पर जांच कराई जाएगी।

अंकिता जैन, मुख्य विकास अधिकारी

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