Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोंडाRising Debt Crisis Families Lose Homes to Loan Sharks Amidst Bank Restrictions

शहर से गांव तक फैला सूदखोरों का मकड़जाल

बैंकों की सख्त शर्तों और सूदखोरी के कारण कई परिवारों को अपने घर और खेत बेचने पड़े हैं। लोगों ने सूद पर पैसा लिया, लेकिन ब्याज चुकाने के बावजूद वे देनदारी से मुक्त नहीं हो पाए। कई परिवारों की स्थिति...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाSun, 27 Oct 2024 05:35 PM
share Share

बैंकों की शर्तें पूरा करने में असफल होने पर लोग ब्याज पर लेते पैसा ब्याज दर ब्याज से बिक जा रहे घर व खेत, समाज के डर से रहते चुप

चन्द्र प्रकाश तिवारी

गोंडा। बैंकों की सख्त शर्तें और उन्हें पूरा करने के बाद भी कमीशनखोरी से त्रस्त होकर क्षेत्र के जरूरतमंद में सूद पर पैसा ले लेते हैं। जो ब्याज दर ब्याज चुकाने के बाद भी देनदारी से मुक्ति नहीं पाते। कुछ लोग तो किसी तरह सूदखोरों के चंगुल से निकल जाते हैं लेकिन बहुतों के घर व खेत भी बिक गए। परिवार सड़क पर आ गया। दाने-दाने को मोहताज हो गए। बच्चों की पढ़ाई छूट गई, लड़के की शादी टूट गई। आलम यह है कि सब कुछ गंवाने के बावजूद सूदखोरों से लिया गया मूलधन आज तक नहीं अदा हो सका।

वर्तमान समय में जिले में न तो कोई संस्था रजिस्टर्ड है और न ही कोई व्यक्ति ब्याज पर पैसा देने के लिए अधिकृत है। इसके बावजूद भी जिले में सूदखोरों का करोड़ों रुपए का धंधा फल-फूल रहा है। जो गांव से शहर तक फैला हुआ है। ब्याज की वसूली प्रतिमाह के हिसाब से की जाती है। यदि समय पर ब्याज की अदायगी नहीं की गई तो वह मूलधन में जुड़ जाता है। सूदखोरों ने ब्याज की वसूली के लिए अपने एजेंट भी बना रखे हैं जो निर्धारित कमीशन पर ब्याज की वसूली करके सूदखोरों को देते हैं। जब सूद पर पैसा लेने वाला पैसा नहीं दे पाता तो जबरन उसका खेत अथवा घर सूदखोरों द्वारा बैनामा करवा लिया जाता है। जिसकी शिकायत भय व दहशत के कारण पीड़ित प्रशासन से भी नहीं करता। पथवलिया, बालपुर बाजार, दुरगोड़वा, सरैंया, नारायनपुर मर्दन मोकलपुर, बंजरिया, हड़ियागाड़ा आदि गांवों के ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सूदखोरों ने ब्याज दर ब्याज जोड़कर कई लोगों के खेत व मकान लिखवा लिए।

मूल नहीं ब्याज की वसूलने पर रहता है जोर: सूदखोर ब्याज की अदायगी को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। मूलधन पर कोई जोर नहीं देते। सूद पर पैसा देने से पहले स्टांप पेपर पर लिखवा लेते हैं कि समय पर पैसा नहीं दे पाये तो अमुक प्रापर्टी उनकी होगी।

वर्जन..

यदि कहीं पर नियम के विरुद्ध सूदखोरी का मामला है और संज्ञान में आयेगा तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। लोगों को सूचना देना चाहिए जिससे ऐसे लोगों को दंड मिल सके।

-अवनीश त्रिपाठी, एसडीएम सदर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें