डाक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने शुरू की पिटाई मामले की जांच
गुरुवार को गोण्डा के बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में महिला मरीज अंजू की मौत के बाद परिजनों के साथ मारपीट का मामला सामने आया। आरोप है कि इलाज के लिए रुपए मांगने और विरोध करने पर स्टाफ ने पिटाई की। मामले की...
गुरुवार को टीम ने कर्मचारियों को बुलाकर दर्ज किए बयान महिला की मौत के बाद परिजनों के साथ मारपीट का मामला
गोण्डा, संवाददाता। स्वशासी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में बेहतर इलाज के एवज में रुपए मांगने और महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों से मारपीट के मामले में जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम के समक्ष कर्मचारी पेश हुए और अपना बयान दर्ज कराया। वहीं टीम सीसीटीवी फुटेज भी खंगालने में जुटी हुई है।
रविवार को नगर कोतवाली क्षेत्र के इमामबाड़ा निवासी महेश निषाद अपनी 40 वर्षीय भाभी अंजू को उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के कारण इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। देर रात तबीयत बिगड़ने पर परिजनों से समुचित इलाज के लिए रुपये की मांग की गई। रुपए न देने पर इलाज में लापरवाही की गई, जिसकी वजह से महिला की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप था कि मौत के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भी स्टाफ नर्स ने 700 रुपये की मांग की। जब परिजनों ने पैसे देने से इनकार किया और विरोध किया तो गोंडा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने मिलकर जमकर उनकी पिटाई कर दी। पीड़ित के हिन्दू संगठन बजरंग दल से जुड़े होने के कारण मामले को लेकर खूब हो-हल्ला भी मचा। घटना को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जांच के लिए वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ आजम हनफी, असिस्टेंट प्रोफेसर डा जगदीश व डा एमके गुप्ता की तीन सदस्यीय टीम गठित की, जिसने गुरुवार से मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
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मंडलायुक्त से मिला हिन्दू संगठनों का प्रतिनिधि मंडल
गोण्डा, संवाददाता। बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में महिला की मौत के बाद परिजनों की पिटाई के मामले को लेकर गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल एक प्रतिनिधि मंडल ने मंडलायुक्त से भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने एक मांग पत्र देकर चिकित्सा कर्मियों पर हत्या, कर्तव्य के प्रति उदासीनता व रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किए जाने और आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग की।
मांग पत्र में आरोप लगाया गया है कि चिकित्सा महाविद्यालय में प्रायः बाहरी अराजक तत्वों का जमानड़ा रहता है। चिकित्सा कर्मी बाहरी दुकानों से दवा लाने व पैसा मांगने इत्यादि का काम करते हैं, यदि यह सब नहीं किया जाता है तो यहां के कर्मचारी इन अराजक तत्वों को बुलाकर मरीज के परिजनों से मारपीट करते हैं। मंडलायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधि मंडल में राकेश वर्मा गुड्डू, भरत गिरी, आशीष मोदनवाल, बबलू वर्मा, कमल बाबा, सुनील निषाद, महेश निषाद इत्यादि शामिल रहे।
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