'निपुण' के लिए आकलन करेंगे डीएलएड प्रशिक्षु
गोंडा के परिषदीय स्कूलों के लिए निपुण विद्यालय बनने की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई है। महानिदेशक कंचन वर्मा ने आदेश जारी किया है कि दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 में डीएलएड प्रशिक्षु छात्रों की योग्यता...
गोंडा, संवाददाता। जिले के परिषदीय स्कूलों को निपुण विद्यालय बनाए जाने के लिए वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश जारी किया है। जिसमे कहा है कि परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र में दो चरणों में डीएलएड प्रशिक्षुओं से आकलन करना निर्धारित किया है। इस साल में दिसंबर और नए साल के फरवरी में डीएलएड प्रशिक्षु विद्यालयों में जाकर छात्रों की योग्यता को आंकने का काम करेंगे। इनके आकलन के बाद ही संबंधित स्कूल को निपुण विद्यालय का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि जिला स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को समय से प्राप्त करने के लिए वर्तमान शैक्षिक सत्र में डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यालयों का दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 में आकलन कराने की योजना बनाई गई है। इस आकलन में किसी विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक बच्चों के निपुण पाए जाने पर विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। इसके अंतर्गत अध्ययनरत बच्चों की भाषा व गणित में दक्षता जांची जाएगी। रीड लांग एप से मूल्यांकन करेगा। बीईओ विकास खंड के विद्यालयों की सूची का परीक्षण करेंगे। बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि निपुण भारत मिशन के लिए निर्गत गाइडलाइंस के राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क के परिप्रेक्ष्य में निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक को शामिल किया गया है। इसके लिए लक्ष्य तय किए गए हैं।
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