नेत्र रोग विभाग जूनियर रेजीडेंट के हवाले
गोण्डा के बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में विशेषज्ञ की कमी के चलते जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों को ओपीडी में काम करना पड़ रहा है। मरीज बिना इलाज लौट रहे हैं। विशेषज्ञों के स्थानांतरण और...
गोण्डा, संवाददाता। बाबू ईश्वर शरण अस्पताल का नेत्र रोग विभाग जूनियर रेजीडेंट डाक्टरों के सहारे हो गया है। नेत्र विशेषज्ञ के न होने से जूनियर रेजीडेंट (जेआर) को ओपीडी करते देखा जा रहा है। वहीं कई मरीज नेत्र रोग विशेषज्ञ के न होने की वजह से बिना इलाज कराए ही वापस लौट जा रहे हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों को या तो जेआर को दिखाना पड़ रहा है या फिर नेत्र परीक्षण अधिकारी को दिखाकर लौट आ रहे हैं। नेत्र रोग विभाग में तैनात डा. पीके श्रीवास्तव व डा. संजय शर्मा के स्थानांतरण व डा विकास सेट्ठी की मौत के बाद नेत्र परीक्षण अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ओपीडी चला रहे थे। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के जनपद दौरे के दौरान यह मामला उठने के बाद सीएमओ के अधीन कार्यरत एसीएमओ डा जय गोबिंद को यहां अटैच कर दिया गया लेकिन वह भी टिक नहीं सके। मेडिकल कॉलेज से अस्पताल के सम्बद्ध होने के बाद सीनियर रेजीडेंट पद डा आयुषी सरदाना की नेत्र रोग विशेषज्ञ पद पर तैनाती हुई है लेकिन कुछ ही दिनों में वह भी छोड़कर चली गईं। अब फिर से वही पुरानी स्थिति हो गई है। हालांकि सीएमओ के स्तर से सप्ताह में तीन दिन के लिए वजीरगंज में तैनात एक नेत्र रोग विशेषज्ञ को अस्पताल से अटैच किया गया लेकिन वह भी समय से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ की सहायता के लिए जेआर की ड्यूटी लगाई गई थी, जो ओपीडी संचालित कर रहे हैं। गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिली। जेआर व नेत्र परीक्षण अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ओपीडी संचालित करते नजर आए। इस संबंध में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा एम डब्ल्यू खान ने बताया कि सीएमओ के स्तर से तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ ओपीडी और आपरेशन दोनों करते हैं। किसी कारणवश वह नहीं आए होंगे तो जेआर ओपीडी में बैठे रहे होंगे। जल्द ही किसी न किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ की तैनाती हो जाएगी।
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