गोण्डा-धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है घाघरा की कटान
घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 26 सेमी नीचे आ गया है, लेकिन डिस्चार्ज अभी भी 242038 क्यूसेक है। लगातार जलस्तर में गिरावट के कारण बाढ़ की तबाही स्पष्ट है। प्रभावित गांवों में प्रशासन राहत सामग्री...
करनैलगंज/नवाबगंज, हिटी। बीते दिनों क्षेत्र में तबाही मचाने वाली घाघरा फिर एक बार घटकर डेंजर लेवल से 26 सेमी. नीचे आ चुकी है। लेकिन बैराजों से हो रहा डिस्चार्ज अब भी 242038 क्यूसेक बना हुआ है। लगातार टूट रहा नदी का जलस्तर अब तेजी से कटान करने लगा है। पहले से बाढ़ खण्ड द्वारा लगाये गये बैम्बू कैरेट धीरे धीरे नदी की कटान के भेंट चढ़ते नजर आ रहे है। जहां जहां नदी कटान कर रही है। वहां फिर से बैम्बू कैरेट लगाने का काम तेज कर दिया गया है। बाढ़ खण्ड बैम्बू कैरेट पर पूरा भरोसा दिखाता नजर आ रहा है। बाढ़ खण्ड के एई अमरेश सिंह ने बताया कि कटान पर हर हाल में काबू पाना बाढ़ खण्ड की पहली प्राथमिकता है।
नवाबगंज संवादाता के मुताबिक बीते दो दिनों से जलस्तर मे लगातार गिरावट होने से शुक्रवार के शाम सरयू नदी खतरे के निशान 21 सेमी नीचे पहुंच गई। प्रभावित इलाको मे ज्यौं-ज्यौं बाढ़ का पानी हट रहा है त्यौं-त्यौं बाढ़ की तबाही साफ दिख रही है। खेतों में लगी फसलें दूषित पानी में डूब जाने से सड़कर सूखने लगी हैं। गांवों के आसपास गंदा पानी के जमा हो जाने से संक्रामक रोगो का खतरा बढ़ गया है। ब्यौंदा माझा, दत्तनगर समेत कुछ गांव अभी बाढ के चपेट में है।
शुक्रवार के शाम 5 बजे अयोध्या के नये घाट पर सरयू का जलस्तर 92.490 मीटर दर्ज किया गया जो लाल निशान से 24 सेमी नीचे का है। जलस्तर में और भी कमी आने का पूर्वानुमान जताया गया है। प्रभावित गांवो मे तहसील प्रशासन द्वारा लंच पैकेट, राशन किट और भूसे का वितरण कराया गया। बाढ राहत केन्द्रों पर तैनात स्वास्थ्य और पशु पालन विभाग के कर्मियों द्वारा जरूरततमंद लोगों को दवाएं दी जा रही है।
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