मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग में थी लड़की, शटर बंद कर चले गए कर्मचारी
- गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग में कर्मचारियों की लापरवाही से एक युवती विभाग में बंद हो गई। कुछ देर बाद उसने चिल्लाना शुरू किया। घंटे भर बाद उसे कुछ तीमारदारों ने देखा तो गार्ड को सूचना दी। पुलिस की मौजूदगी में विभाग के डॉक्टर पहुंचे तो शटर खोलकर उसे बाहर निकाला गया।
Gorakhpur Medical College: बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के एनेस्थीसिया विभाग में कर्मचारियों की लापरवाही से एक युवती विभाग में बंद हो गई। कुछ देर बाद उसने चिल्लाना शुरू किया। घंटे भर बाद उसे कुछ तीमारदारों ने देखा तो गार्ड को सूचना दी। पुलिस की मौजूदगी में विभाग के डॉक्टर पहुंचे तो शटर खोलकर उसे बाहर निकाला गया। करीब तीन घंटे बाद बाहर निकली युवती बदहवास नजर आई। इसके बाद पुलिस ने उसे वन स्टॉप सेंटर भेज दिया।
रोजाना की तरह एनेस्थीसिया विभाग के कर्मचारी शुक्रवार की रात 9 बजे विभाग बंद कर दिए। इस दौरान विभाग की पहली मंजिल पर मौजूद एक युवती अंदर ही रह गई। कर्मचारियों के ताला लगाकर चले जाने के बाद वह काफी देर तक अंदर टहलती रही। अंदर किसी को न पाकर उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। रात 1100 बजे कुछ तीमारदारों ने उसकी आवाज सुनी तो उन्होंने गार्ड को सूचना दी। गार्ड ने तत्काल मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी को इसकी जानकारी दी। इसके बाद एनेस्थीसिया के सीनियर प्रोफेसर डॉ. शाहबाज को फोन कर बुलाया गया। रात करीब 12 बजे डॉ. शाहबाज विभाग पहुंचे। इन सब की मौजूदगी में विभाग का शटर खोलकर युवती को 1215 बजे बाहर निकाल गया।
करीब तीन घंटे तक एनेस्थीसिया विभाग के अंदर बंद रहने के चलते युवती काफी बदहवास हो गई। उसकी हालत देख पुलिस ने उसे वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। डॉ. शाहबाज ने बताया कि युवती कौन है। इसका पता पुलिस लगाएगी। वह किन परिस्थितियों में विभाग में बंद हो गई, यह जांच का विषय है। कुछ लोगों ने उसके तीमारदार होने का भी अंदेशा जताया।