सहेली की जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पाई युवती, चार घंटे में लिया फैसला, दरवाजा खुला तो चीख पड़ी छोटी बहन
- यूपी के बांदा दो सहेलियों हमेशा के लिए जुदा हो गईं। एक सहेली ने आत्महत्या करके अपने जीवन लीला समाप्त कर दी। पहली सहेली की जुदाई बर्दाश्त नहीं हुई तो दूसरी सहेली ने चार घंटे के अंदर ही अपने जीवन का फैसला ले लिया।
यूपी के बांदा दो सहेलियों हमेशा के लिए जुदा हो गईं। एक सहेली ने आत्महत्या करके अपने जीवन लीला समाप्त कर दी। पहली सहेली की जुदाई बर्दाश्त नहीं हुई तो दूसरी सहेली ने चार घंटे के अंदर ही अपने जीवन का फैसला ले लिया। एक युवती की मौत से घर और पड़ोस में कोहराम मचा ही था कि दूसरी सहेली ने भी आत्महत्या कर ली। इसकी खबर तब हुई जब उसकी छोटी बहन जगाने के लिए उसके कमरे में पहुंची। जैसे ही छोटी बहन ने दरवाजा खोला तो उसकी चीख निकल पड़ी। लड़की चीख सुनकर घर वाले मौके पर पहुंचे। कमरे का नजारा देखकर कोहराम मच गया। जानकारी करने पर पता चला कि दोनों की आपस में गहरी दोस्ती थी।
जारी गांव निवासी देवराज वर्मा की 19 वर्षीय बेटी गायत्री ने शुक्रवार भोर में छत पर छप्पर की धन्नी के सहारे रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। सुबह काफी देर तक न उठने पर छोटी बहन प्रियंका जागने पहुंची तो दरवाजा खोलते ही चीख पड़ी। शोरगुल सुनकर परिवार के अन्य लोग भी पहुंच गए। फंदा काटकर गायत्री को नीचे उतारा गया। सूचना पर पहुंची पुलिस और फील्ड यूनिट टीम ने घटनास्थल पर जांच-पड़ताल कर पूछताछ की।
शव पोस्टमार्टम के लिए भेज गया। करीब चार घंटे बाद पड़ोस की रहने वाली गायत्री की सहेली 18 वर्षीय पुष्पा ने भी फांसी लगा ली। घटना के वक्त पुष्पा के घरवाले गायत्री के घर गए थे। सूचना पर पुलिस ने पूछताछ के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देहात कोतवाली प्रभारी आनंद सिंह ने बताया कि दोनों युवतियों के बीच गहरी दोस्ती की बात सामने आई है। एक की फांसी से मौत का गम दूसरी सहन नहीं कर पाई और उसने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस सभी पहलुओं की जांच-पड़ताल कर रही है।
आजमगढ़ में मजदूर ने फांसी लगाकर दी जान
आजमगढ़ जिले के रानी की सराय थाना क्षेत्र के चकीदी गांव में बुधवार की रात एक मजदूर ने फांसी लगाकर जान दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए मंडलीय अस्पताल भेज दिया। चकदीदी गांव निवासी 38 वर्षीय संतोष सरोज उर्फ घरभरन मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। परिजनों का कहना है कि बुधवार की देर शाम संतोष सरोज अपने कमरे में गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। परिवार के लोगों ने समझा कि वे कमरे में सो गए हैं। रात में परिजन जब भोजन के लिए संतोष को जगाने के लिए गए तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने खिड़की से झांका तो संतोष का शव साड़ी के सहारे पंखे से लटक रहा था। यह देखकर उनके होश उड़ गए। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। संतोष की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। उसकी तीन बेटियां और और दो बेटे हैं।