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श्रृंगार गौरी की पूजा कर की गई सुख-समृद्धि की कामना

जगत जननी मां जगदम्बा की आराधना का पर्व वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को शक्ति स्वरूपा कुष्मांडा और गौरी स्वरूपा श्रृंगार गौरी का दर्शन-पूजन...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाजीपुरFri, 16 April 2021 11:40 PM
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गाजीपुर। निज संवाददाता

जगत जननी मां जगदम्बा की आराधना का पर्व वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को शक्ति स्वरूपा कुष्मांडा और गौरी स्वरूपा श्रृंगार गौरी का दर्शन-पूजन किया गया। लहुरी काशी के विभिन्न स्थानों पर विद्यमान छोटे-बड़े और प्रसिद्ध माता के मंदिरों में पहुंचकर श्रद्धालु नर-नारियों ने शीश नवाकर परिवार तथा समाज में सुख-समृद्धि की कामना करने के साथ ही संकटों से मुक्ति दिलाने की कामना की।

वासंतिक नवरात्र के चतुर्थ दिन भक्तों के कल्याणार्थ परांबा जगदंबिका श्रृंगार गौरी के रूप में अवतरित हुई थीं। इस दिन भगवती श्रृंगार गौरी के दर्शन से राजपद में व्याप्त बाधाओं का निराकरण होता है और मनोकामना सद्य: पूर्ण होती है। भगवती दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप का नाम कुष्मांडा है। लाल रंग की पोशाक में माता कुष्मांडा का श्रृंगार कर भक्तों को खुद नारंगी रंग के कपड़े पहनकर माता का आशीर्वाद लेना विशेष फलदायी होता है। कुष्मांडा देवी के पूजन से भक्त निरोग रहते हैं। पवित्र मन से मां के इस स्वरूप की पूजा-आराधना करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इससे भक्तों के रोग और शोक दोनों का नाश होता है। उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। यह देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है। विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। यह देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि व उन्नति प्रदान करती हैं। इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है। इस नवरात्र में जहां ग्रामीण क्षेत्रों के प्रसिद्ध मंदिर गहमर मां कामाख्या धाम, करीमुद्दीनपुर स्थित कष्टहरणी भवानी, रेवतीपुर स्थित मां भगवती मंदिर, सैदपुर काली माता मंदिर में भक्त माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं, तो वहीं शहर सकलेनाबाद दुर्गा मंदिर, चीतनाथ स्थित मंदिर, नवाब साहब फाटक शीतला माता मंदिर, मिश्रबाजार काली मंदिर, महुआबाग-कचहरी रोड मंदिर, गोराबाजार दुर्गा मंदिर, स्टेशन रोड मंदिर, तुलसियाका पुल देवी मंदिर, बेगमपुरा कालीधाम, चंदननगर शीतलामाता मंदिर आदि सभी देवी मंदिरों में माता के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने माता को नैवेद्य आदि का भाग लगाने के साथ ही धूप-दीप प्रज्ज्वलित कर आराधना किये। भक्तों के जयकारा से माहौल भक्ति मय बना रहा। वहीं घर-घर में स्थापित कलश की वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा-अर्चना की गयी। हालांकि, कोरोना का असर भी पड़ने लगा है। लोग एहतियात के तौर पर मास्क लगाकर भी पहुंच रहे हैं। वहीं बाजारों में भी इसका असर पड़ने लगा है।

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