सैदपुर सीएचसी पर 32 साल पुरानी मशीन से हो रहा एक्स-रे
सैदपुर, हिन्दुस्तान संवाद। तहसील क्षेत्र के सबसे पुराने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सैदपुर
सैदपुर, हिन्दुस्तान संवाद। तहसील क्षेत्र के सबसे पुराने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सैदपुर में मरीजों के साथ ही प्रसूताओं व अन्य महिलाओं को सोनोग्राफी व डिजिटल एक्स-रे मशीन के अभाव में इलाज का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों को इलाज की सुविधा देने वाले स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगी लगभग 32 वर्ष पुरानी एक्सरे मशीन जर्जर हो चुकी है। जिसके चलते आए दिन खराब हो जाती है। आएदिन खराब हो जाने के कारण हमेशा ही कुछ दिनों पर जांच न होने के चलते मरीजों के साथ ही कर्मचारियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिससे मरीजों को निजी केंद्रों पर जांच कराना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने सीएचसी पर डिजिटल एक्सरे मशीन लगाने की मांग की है।
बता दें की स्थानीय सीएचसी पर रोजाना 250 से 350 मरीज आते हैं। यहां मरीजों की सुविधा के लिए लगभग वर्ष 1994 में एक्सरे मशीन की स्थापना की गई थी। करीब 32 वर्ष पूर्व लगाई गई यह एक्स-रे मशीन अब पूरी तरह जर्जर हो गई है। इस अस्पताल पर जहां पहले दो-चार मरीजों का एक्सरे होता था, वही अब प्रतिदिन 40 से 50 मरीज एक्सरे कराने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। पुरानी और जर्जर मशीन के चलते ये आए दिन खराब हो जाती है। जिसको वाराणसी से इंजीनियर बुलाकर दिखाना पड़ता है, फिर उसी जर्जर मशीन पर हजारों रूपये खर्च कर कुछ दिन के लिए फिर तैयार कर दिया जाता है। एक्स-रे टेक्नीशियन ने बताया की इस एक्स-रे मशीन से अधिकतम 25 -26 एक्स-रे ही प्रतिदिन करने की बात इंजिनियर ने बताया है। लेकिन इसके बावजूद मरीज के आ जाने के चलते अधिक 40-50 एक्सरे होते है। एक्स-रे टेक्नीशियन के मुताबिक अधिक एक्सरे होने से उनसे निकली हुई किरणें टेक्नीशियन के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डालते हैं। क्षेत्र के लोगों ने सीएचसी पर डिजिटल कलर एक्स-रे मशीन लगवाए जाने की मांग की है।
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