शिव केवल नाम के नहीं काम के गुरु : अंजनी दास
शिव केवल नाम के नहीं काम के गुरु : अंजनी दास
शिव शिष्य परिवार के द्वारा शुक्रवार को नंदगंज (पारस गली) स्थित श्रवण कुमार के बागीचे में विशाल शिव गुरू महोत्सव आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम का आयोजन महेश्वर शिव के गुरू स्वरूप से एक-एक व्यक्ति का शिष्य के रूप में जुड़ाव हो सके इसी बात को सुनाने और समझाने के निमित्त किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी अंजनीदास ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं। शिव के औढरदानी स्वरूप से धन, धान्य, संतान, सम्पदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है, तो उनके गुरू स्वरूप से ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाय? किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान के अभाव में घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि शिव जगतगुरू हैं अतएव जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग का हो शिव को अपना गुरू बना सकता है। शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है। केवल यह विचार कि ‘शिव मेरे गुरू हैं शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरूआत करता है। इसी विचार का स्थायी होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है। इस दौरान महिलाओं की खूब भीड़ जुटी रही। महोत्सव में आयोजक देवप्रकाश सिंह, संयोजक चंद्रदेव यादव, सहसंयोजक बिरजू कश्यप सहित समस्त क्षेत्रवासियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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