Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गाजीपुरLocal Artists Perform Gora and Badal Play in Saidpur A Night of Historical Drama

गोरा और बादल के शौर्य का हुआ मंचन

सैदपुर, हिन्दुस्तान संवाद। नगर के वार्ड संख्या छह पक्का घाट स्थित रामलीला रंगमंच

Newswrap हिन्दुस्तान, गाजीपुरMon, 28 Oct 2024 11:26 PM
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सैदपुर, हिन्दुस्तान संवाद। नगर के वार्ड संख्या छह पक्का घाट स्थित रामलीला रंगमंच पर रविवार देर रात गोरा और बादल नाटक का स्थानीय कलाकारों ने मंचन किया। इस दौरान सैकड़ों लोग अलाउद्दीन और राजा रतन सिंह के बीच हुए युद्ध का मंचन देखने के लिए देर रात तक जमा रहे।

कार्यकम का शुभारम्भ पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र यादव और सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने किया। जिसके बाद सबसे पहले कलाकारों ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की। इसके बाद साहित्यकार और नाटक के रचनाकार रामजी सिंह उदयन सहित, समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के कई विशिष्ट जनों को सामाजिक संस्था जय भारत आर्ट ने सम्मानित किया। उसके बाद उक्त नाटक में दिल्ली की गद्दी पर बैठे नेक दिल इंसान सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी का कत्ल कर, उसका क्रूर और कट्टर भतीजा अलाउद्दीन खिलजी सुल्तान बन बैठता है। जिससे आसपास की रियासतों सहित मेवाड़ और चित्तौड़ के राजा रतन सिंह की चिंताएं बढ़ जाती हैं। प्रतिशोध की आग में जल रहा रतन सिंह के दरबार का एक पदाधिकारी, रानी पद्मिनी के सौन्दर्य का बखान कर अलाउद्दीन को युद्ध के लिए प्रेरित करता है। साथ ही किले के अंदर प्रवेश करने का खुफिया रास्ता बताता है। जिसके फल स्वरुप अलाउद्दीन और रतन सिंह के बीच भीषण युद्ध होता है। जिसमें चित्तौड़ और मेवाड़ की रक्षा करते हुए, रतन सिंह के दो वीर सरदार गोरा और बादल अपने प्राणों को न्योछावर कर देते हैं। युद्ध के दौरान ही राजा रतन सिंह की भी मौत हो जाती है। अंत में अपने सतीत्व की रक्षा के लिए रानी पद्मिनी जलती हुई चिता पर खुद बैठकर जौहर कर लेतीं हैं। यह देख अलाउद्दीन पागल और विक्षिप्त हो उठता है। इतनी लाशों के बाद भी, अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाने से वह पछताने लगता है और वापस दिल्ली लौट जाता है। नाटक के दृश्यों का जीवन मंचन देख, देर रात तक दर्शक तालियां बजाते रहे। इस दौरान डायरेक्टर के रूप में इश्तियाक खान विजय शंकर पाठक रहे। कार्यक्रम के आयोजन में यशवीर सिंह, धर्मेंद्र कुमार, शिवम पाठक, राहुल कुमार, मोती कांस्यकार, कृपा सेठ, निशांत पांडे, आशीष जायसवाल, विनय सिंह, मनेन्द्र द्विवेदी, गोपाल कुमार, त्रिवेंद्र नाथ पांडे, जयशंकर सिंह, बनारसी पाठक, परमेश्वर कुमार आदि का विशेष योगदान रहा। अंत में संस्था के अध्यक्ष अजय पाठक ने सभी आगंतुकों और सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया।

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