रिश्तों की श्रृंखला में सतगुरु का रिश्ता होता है सबसे बड़ा
Ghazipur News - संत निरंकारी सत्संग भवन बहरियाबाद में संत राजेश सिंह ने कहा कि सतगुरु का रिश्ता सबसे बड़ा और निस्वार्थ होता है। उन्होंने रामचरित मानस और महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण के प्रसंग का उदाहरण देकर बताया कि...
सादात। संत निरंकारी सत्संग भवन बहरियाबाद में रविवार को आयोजित साप्ताहिक सत्संग में जौनपुर से आए संत राजेश सिंह ने कहा कि रिश्तों की श्रृंखला में सतगुरु का रिश्ता सबसे बड़ा और मददगार होता है। उन्होंने कहा कि दुनियां के सभी रिश्तों में कहीं न कहीं स्वार्थ छिपा होता है, लेकिन सतगुरु का रिश्ता निस्वार्थ और सच्चा होता है। कहा कि रामचरित मानस त्याग व समर्पण की एक सच्ची कथा है। जिससे हमें सीख लेना चाहिए। उन्होंने महाभारत में द्रौपदी चीरहरण के प्रसंग के माध्यम से सारे रिश्ते को स्वार्थी बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण के रिश्ते को बड़े ही मार्मिक ढंग से सच्चा रिश्ता बताया। सत्संग का शुभारंभ सम्पूर्ण अवतार वाणी के काव्य पाठ से हुआ। इस दौरान घूरन प्रसाद, दयाशंकर, निर्मला प्रजापति, कमेन्द्र सिंह, राधेश्याम, रामजन्म, कालिका प्रसाद, शिवप्रसाद सिंह, दीना, ममता यादव, उर्मिला राजभर, शिवकुमार, मुकेश कुमार रहे।
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