नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के प्रयास में दंपति को कारावास
Ghazipur News - गाजीपुर, संवाददाता। नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर हत्या के प्रयास के मामले

गाजीपुर, संवाददाता। नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर हत्या के प्रयास के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने गुरुवार को पति-पत्नी को दोषी माना। कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में पति को आजीवन कारावास के साथ 45 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। वहीं पत्नी को हत्या के प्रयास का दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास के साथ ही 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की सम्पूर्ण राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया। अभियोजन के अनुसार थाना रेवतीपुर एक गांव के एक व्यक्ति ने तहरीर दिया कि 11 नवम्बर 2023 की रात्रि में उसकी नाबालिग पुत्री को फोन कर बहला फुसलाकर कोई भगा ले गया है।
उसने पुत्री के मोबाइल पर फोन कर बुलाया तो वह वापस नहीं आई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और विवेचना शुरू की। इसी दौरान वादी की नाबालिग पुत्री को बुरी तरह से घायल अवस्था में बरामद किया। पीड़िता ने अपने ऊपर जानलेवा हमला व बलात्कार की बात बताई। पुलिस ने पीड़िता का डॉक्टरी मुआयना कराने के उपरांत उसको समुचित उपचार के लिए वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। ट्रामा सेंटर में ही पीड़िता का बयान दर्ज किया गया। बयान के आधार पर पुलिस ने पीड़िता के गांव के ही हरिशंकर राम उर्फ भकोला उर्फ साहेब व उसकी पत्नी सविता देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद दोनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दिनांक 25 जनवरी 2024 को दाखिल किया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध दिनांक 7 जून 2024 को चार्ज फ्रेम किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने कुल सात गवाहों को पेश किया। सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। गुरुवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने सजा सुनाते हुए दोनों पति पत्नी को जेल भेज दिया।
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