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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Ghazipur electricity department had disconnected connection, fought in court and got entire office sealed stir

बिजली विभाग ने काटा था कनेक्शन, कोर्ट में लड़कर पूरे दफ्तर को करा दिया सील, मचा हड़कंप

  • यूपी के गाजीपुर में बिजली विभाग ने एक उपभोक्ता का कनेक्शन बिना वजह आधी रात काट दिया था। उपभोक्ता ने इसे लेकर कोर्ट में गुहार लगाई। वहां से उपभोक्ता को हर्जाना देने का आदेश हुआ। हर्जाना नहीं देने पर अब बिजली विभाग के दफ्तर को ही सील कर दिया गया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, गाजीपुर हिन्दुस्तानTue, 27 Aug 2024 04:40 PM
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यूपी के गाजीपुर में कोर्ट के आदेश के बावजूद एक उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति नहीं देने पर बिजली विभाग का दफ्तर सील कर दिया गया। अपर जिला जज के आदेश पर मंगलवार की शाम लालदरवाजा स्थित बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं विद्युत वितरण खण्ड प्रथम समेत अन्य कार्यालयों को सील कर दिया गया। कोर्ट के आदेश के अनुसार एक महीने के लिए यह कार्यालय सील रहेगा। अपने तरह की इकलौती घटना से पूरे बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों में अफरातफरी मची रही।

शहर के माल गोदाम रोड निवासी बाबूलाल साहू वर्ष 1980 में अपने घर पर आटा चक्की, कोल्हू और अन्य मशीन लगाए हुए थे। बिजली विभाग ने रात में छापेमारी कर उनकी बिजली काट दी थी। बिजली काटने के विरोध में उपभोक्ता बाबूलाल साहू ने कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने मामले में बिजली नहीं काटने के आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने वादी के पक्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में 1980 से लेकर 1 मई 2014 तक 4000 प्रति माह के हिसाब से 16.32 लाख देने का आदेश दिया था।

कोर्ट के निर्देश के बाद भी बिजली विभाग ने मामले पर कोई रुचि नहीं ली। तब जाकर कोर्ट ने 13 अगस्त को बिजली विभाग की इस संपत्ति को सील करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर कोर्ट अमिन दिलीप यादव और कोतवाली पुलिस के साथ लालदरवाजा स्थित बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे। सभी कार्यालय को एक-एक कर खाली कराया गया और उसके पश्चात सभी कार्यालय में कोर्ट अमीन ने ताला लगाकर सील कर दिया। अंत में कार्यालय के मुख्य गेट पर कोर्ट अमीन और पुलिस बल ने ताला लगाकर सीलिंग की कार्रवाई पूरी की।

इस परिसर में अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग खंड प्रथम के साथ ही मीटर विभाग के अधिशासी अभियंता का विभागीय कार्यालय है, जहां पर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं। इस पूरे मामले में बिजली विभाग के किसी भी अधिकारी ने बोलने से मना कर दिया।

गौरतलब है कि कोर्ट में केस तीसरी पीढ़ी लड़ रही है। बाबूलाल साहू की तीसरी पीढ़ी के गणेश साहू ने बताया कि 1980 में मुकदमा दायर किया गया था। 44 साल के बाद तीसरी पीढ़ी यानी कि मेरे द्वारा केस की पैरवी की जाती रही। इसी प्रक्रिया में कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुनाया है।

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