जीडीए पहली बार देगा राहत की नोटिस, 10 हजार परिवारों को बड़ी राहत देने की कवायद तेज
- 11 सितंबर को गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वाद अनुभाग की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में लिए निर्णयों का कार्यवृत सभी संबंधित को 13 सितंबर को उपलब्ध करा दिया गया। बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष ने गोरखपुर महायोजना 2031 में विनियमित की गई कॉलोनियों से संबंधित वाद की फाइलें स्थगित करने का निर्देश दिया।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण पहली बार लोगों को राहत की नोटिस देने जा रहा है। गोरखपुर महायोजना 2031 लागू होने के बाद जीडीए ने हरित पट्टी और विनियमितिकरण की पत्रावलियों को अलग करने और इन क्षेत्रों में किए गए वादों को स्थगित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। साथ ही पक्षकारों के वादों को स्थगित किए जाने का नोटिस भी भेजा जाएगा। जीडीए के इस कदम से विनियमित क्षेत्र के करीब 10 हजार परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
11 सितंबर को प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में वाद अनुभाग की बैठक हुई थी। इस बैठक में लिए निर्णयों का कार्यवृत सभी संबंधित को 13 सितंबर को उपलब्ध करा दिया गया। बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष ने गोरखपुर महायोजना 2031 में विनियमित की गई कॉलोनियों से संबंधित वाद (मुकदमों से संबंधित) की फाइलें स्थगित करने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि वाद के मुकदमे स्थगित करने के साथ ही पक्षकारों को भी लिखित रूप से अवगत कराया जाए कि उनका वाद स्थगित किया गया है ताकि उन्हें बाद में किसी तरह दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस क्रम में सुपरवाइजर यह भी सुनिश्चित करें उनके द्वारा वितरित किए गए समस्त नोटिसों को सीधे-सीधे प्राप्त कराते हुए उसकी प्राप्ति भी अवश्य लें।
24 हजार नोटिस वितरित, 10 हजार स्थगित होंगी
जीडीए ने विनियमित क्षेत्र में लगभग 24 हजार भवनों को नोटिस जारी किए हैं। हालांकि सभी क्षेत्र विनियमित नहीं हो सके। लेकिन प्राधिकरण का मानना है कि करीब 10 हजार तक वाद स्थगित होंगे। लिहाजा इन वादकारियों को लिखित रूप से नोटिस देकर बताना होगा कि उनका वाद स्थगित किया गया है। यही नहीं, उनकी नोटिस प्राप्ति भी लेनी होगी। इसके कारण सभी प्राधिकरणों की जब प्रदेश मुख्यालय पर समीक्षा होती है तो प्राधिकरण अवैध निर्माण में शीर्ष स्थान पर शामिल हो जाता है। उम्मीद है कि फाइलें बंद होने से तकरीबन 10 हजार नोटिस वापस लेने पड़ेंगे।
नए निर्माण प्राधिकरण के रडार पर
विनियमित की गई कॉलोनियों में ऑफलाइन मानचित्र के लिए प्राधिकरण आवेदन ले रहा है। लेकिन मानचित्र के लिए आवेदन नहीं के बराबर आ रहे हैं। ऐसे में विनियमित क्षेत्र में नए निर्माण और पुराना निर्माण तोड़कर नए सिरे से किए जा रहे निर्माण प्राधिकरण के रडार पर हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन का स्पष्ट निर्देश है कि विनियमित क्षेत्र में किसी पुराने निर्माण को नोटिस न दिया जाए।