Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गौरीगंजPolice Update FIR Now Shows Only First 5 Digits of Victim s Mobile Number to Combat Cyber Fraud

एफआईआर में नहीं होगा पीड़ित का पूरा मोबाइल नंबर

यूपी में साइबर ठगी से बचाने के लिए पुलिस ने एफआईआर में पीड़ित का पूरा मोबाइल नंबर दर्ज करने की जगह केवल पहले पांच अंक दिखाने का निर्णय लिया है। इससे अपराधी पीड़ित का नंबर नहीं निकाल पाएंगे और ठगी की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गौरीगंजSun, 29 Sep 2024 04:30 PM
share Share

एफआईआर में नहीं होगा पीड़ित का पूरा मोबाइल नंबर अब एफआईआर में मोबाइल नंबर के शुरू के पांच अंक ही दिखेंगे

यूपी काप से मोबाइल नंबर निकालकर ठगी करते हैं साइबर अपराधी

अमेठी। संवाददाता

यूपी काप से पीड़ित का मोबाइल नंबर निकालकर ठगी करना अब आसान नहीं होगा। लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए पुलिस ने अब एफआईआर में पीड़ित का पूरा मोबाइल नंबर दर्ज करना बंद कर दिया है। एफआईआर में पीड़ित के मोबाइल नंबर के शुरू के पांच अंक ही दर्ज किए जाएंगे। जिससे साइबर अपराधी पीड़ित का मोबाइल नंबर निकालकर उसे झांसे में नहीं ले सकेंगे और साइबर ठगी का यह तरीका कमयाब नहीं हो सकेगा।

पुलिस जब एफआईआर दर्ज करती है तो उसे यूपी काप पर अपलोड कर देती है। यूपी काप एप को कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में अपलोड कर थानों पर दर्ज एफआईआर को देख सकता है। इसी यूपी काप एप का फायदा बीते कुछ महीनों से साइबर अपराधी उठाने लगे थे। एफआईआर की कापी में दर्ज पीड़ित के मोबाइल नंबर पर काल कर साइबर अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी बताते थे और उनके मुकदमें में कार्रवाई के नाम पर पैसों की मांग करते थे। इन नकली पुलिस अधिकारी बने अपराधियों के झांसे में आकर लोग उनके खाते में पैसे भेज देते थे। हालांकि ऐसे मामलों में साइबर अपराधी 10-15 हजार रुपए की मांग ही करते हैं। जिससे लोग इसे आसानी से दे सकें। पैसे देने के बाद जब पीड़ित अपने मुकदमें में की गई कार्रवाई की जानकारी के लिए साइबर ठगों के नंबर पर काल करता था तो वह नंबर बंद आता था। जिसके बाद लोगों को अपने साथ ठगी होने का अहसास होता है। लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए पुलिस विभाग ने एफआईआर में पीड़ित के मोबाइल नंबर के शुरुआती पांच अंकों को ही दर्ज करने का निर्णय लिया है।

कोट-

साइबर ठगी की घटनाओं को देखते हुए एफआईआर में पीड़ित का पूरा मोबाइल नंबर अब दर्ज नहीं किया जा रहा। सिर्फ शुरू के पांच नंबर ही दर्ज किए जा रहे हैं। अगर किसी पीड़ित के पास किसी अंजान नंबर से काल आए कि वह पुलिस अधिकारी है और मुकदमें में उसकी मदद करेगा तो तत्काल पुलिस को सूचना देना चाहिए।

हरेन्द्र कुमार

एएसपी अमेठी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें