कोरोना संकट में देव दूत बन रहे गांव के डॉक्टर
शृंग्वेरपुर। इलाज के लिए दर-दर भटक रहे जुकाम बुखार के मरीजों के लिए गांव केइलाज के लिए दर-दर भटक रहे जुकाम बुखार के मरीजों के लिए गांव के डॉक्टर...
शृंग्वेरपुर। हिन्दुस्तान संवाद
इलाज के लिए दर-दर भटक रहे जुकाम बुखार के मरीजों के लिए गांव के डॉक्टर कोरोना में देवदूत साबित हो रहे हैं। कोविड संकट के इस दौर में जहां शहर और गांव के नामी-गिरामी डॉक्टरों और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के छोटे बड़े बाजारों में अपनी डिस्पेंसरी चला रहे डॉक्टर किसी भगवान से कम नहीं है। सुबह से शाम तक सैकड़ों लोगों का उपचार कर उन्हें स्वस्थ कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में वायरल फीवर, खांसी जुकाम वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कमोबेश हर घर में वायरल के मरीज देखने को मिल रहे हैं। अधिकांश मरीज तेज बुखार से ग्रसित है। ऐसे में वक्त बेवक्त बीमार होने वाले मरीजों का एकमात्र ठिकाना स्थानीय डॉक्टर ही हैं। यही डॉक्टरों अपने तजुर्बे के बल पर कई गंभीर मरीजों की जान बचा रहे हैं।
शृंग्वेरपुर, अंधियारी, मंसूराबाद व निकट के लालगोपालगंज कस्बे के प्राइवेट डिस्पेंसरी पर सुबह से शाम तक मरीजों की लंबी कतार लग रही है। इलाके के पीएचसी में ओपीडी की सुविधा बंद होने से सैकड़ों गरीब असहाय लोगों को दवा के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है जबकि इन अस्पतालों में टीकाकरण के लिए स्टाफ मौजूद होते हैं लेकिन वह आम मरीजों को दवा देने से कतरा रहे हैं।
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