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लॉकडाउन का सदुपयोग, रोपाई के समय तैयार की धान की खेती

वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जब देश में लॉकडाउन घोषित हुआ। हर जगह डर, दहशत और भगदड़ मची थी उसी समय कौंधियारा के एकौनी खड़ियान गांव में किसान जगदीश बिंद ने सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज होकर धान की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSat, 25 July 2020 03:12 PM
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वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जब देश में लॉकडाउन घोषित हुआ। हर जगह डर, दहशत और भगदड़ मची थी उसी समय कौंधियारा के एकौनी खड़ियान गांव में किसान जगदीश बिंद ने सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज होकर धान की नर्सरी डाल दी। पम्पिंग सेट से धान की नर्सरी तैयारी की और रोपाई कर दी। नतीजा यह रहा कि जब धान की रोपाई किसान कर रहे हैं तो एकौनी गांव का यह किसान धान की फसल काट लिया। यही वजह है कि अब जगदीश क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।

जगदीश बताते हैं कि देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद 28 मार्च को उन्होंने धान की रोपाई कर दी थी। अब सावन के महीने में धान की फसल को तैयार करके उसकी कटाई की जा रही है। बताया कि लॉकडाउन के समय बेरोजगारी से मुक्त रहा। कमाई होने से परिवार में खुशी है। बताया कि वह वर्ष में तीन बार धान की फसल की पैदावार करते हैं। फसल को तैयार करने में रासायनिक खादों की जगह जैविक खाद का प्रयोग करते हैं जिसके कारण अच्छी धान की वह पैदावार होती। एक बीघे में 10 से 12 क्विंटल प्रति बीघा धान की पैदावार की गई है। धान की कटाई करने के उपरांत पुनः इसी खेत में धान के पौधों की रोपाई की जाएगी और आने वाले समय में धान की फसल की कटाई की जाएगी। लेकिन सावन के महीने में तैयार धान की फसल को देख कर के लोग अचंभित हो रहे हैं क्योंकि क्षेत्रीय किसान इस महीने में अपने खेतों में धान के पौधों की रोपाई करने में ही व्यस्त हैं। क्षेत्र के अन्य किसान भी उसका अनुसरण करने के लिए तैयार हैं।

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