Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गंगापारTrain no truck arrived in Janghai from Gujarat by riding 10 cycles

ट्रेन न ट्रक 10 साइकिल चलाकर गुजरात से जंघई पहुंचे

ट्रेन न ट्रक का इंतजार विमल तिवारी ने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर अभियान शुरू करने के पहले ही इस पर अमल करते हुए झाड़पोछ कर अपनी साइकिल निकली। गुजरात के वापी से प्रयागराज के जंघई के लिए चल दिए। दस दिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSun, 17 May 2020 03:17 PM
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पीएम में मोदी के आत्मनिर्भर अभियान की घोषणा के पहले ही जंघई के विमल तिवारी इसे अपनाते हुए गुजरात से साइकिल चलाते हुए घर आ गए। इन्होंने ट्रेन न ट्रक किसी का इंतजार नहीं किया। गुजरात के वापी स्थित अपने कमरे में रखी साइकिल झाड़पोछ कर निकली। दस दिन लगातार साइकिल चलाई और घर पहुंच गए।

जंघई के भोगीपुर गांव निवासी विमल तिवारी का गुजरात के वापी में निजी कंपनी में नौकरी करते थे। लॉकडाउन हुआ तो कंपनी बंद हो गई। तनख्वाह भी बंद हो गई। घर आने के लिए ट्रेन, बस और हवाई मार्ग कोई जुगाड़ नहीं था। कंपनी बंद होने के बाद भी वह एक माह वहीं रुके रहे। अंत में कुछ और साथियों ने खुद निर्णय लिया कि अपनी-अपनी साइकिल से चले तो हफ्ते दस दिन में घर पहुंच जाएंगे। यही सोचकर वह और उनके साथ आजमगढ़ के सात लोग साइकिल निकल लिए। अपने साथ रास्ते में खाने-पीने का सामन झोले में रख लिया। विमल बताते हैं कि सुबह 11 बजे सभी लोग यात्रा रोक देते थे। जहां जगह मिली साइकिल खड़ी करके कुछ लकड़ी, पत्ते इकट्ठा कर कुछ बनाकर खा लेते फिर आराम करते। शाम पांच बजे फिर साइकिल चल देती। ठंडे-ठंडे पूरी रात सफर करते। विमल तिवारी ने बताया कि घर के बाहर ही वह अपने आप को क्वारंटीन कर लिए हैं। उनके इस हौंसले पर जन कल्याण सेवा संघ ने उनका आत्म विश्वास बढ़ाते हुए सम्मानित किया।

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