शिक्षामित्र पांच सितंबर को लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन
हक से वंचित शिक्षा मित्र पांच सितंबर को लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन मेजा। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के साथ समान कार्य करने वाले शिक्षा मित्र समान क
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के साथ कार्य करने वाले शिक्षा मित्र समान कार्य के लिए समान वेतन न मिलने से आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं। न्यायालय व सरकार के बीच समन्वय स्थापित न होने से शिक्षामित्रों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। अपने साथ हो रही तमाम विसंगतियों को लेकर प्रदेश के एक लाख 37 हजार शिक्षा मित्र शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर को लखनऊ पहुंच धरना प्रदर्शन करेंगे। इस बात की जानकारी आदर्श शिक्षा मित्र शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उरूवा के अध्यक्ष राजेश गौतम ने दी। बताया कि शिक्षा मित्रों का विकास पूरी तरह से अधर में लटका है, एक निश्चित अल्प मानदेय पर काम करने वाले शिक्षा मित्र कई वर्षो से न्याय की बाट जोह रहे हैं। शिक्षा मित्रों का चयन पूर्व मानव संसाधन मंत्री डा मुरली मनोहर के समय वर्ष 1999 से वर्ष 2004 के बीच मेरिट के आधार पर किया गया था। वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक शिक्षा मित्रों का समायोजन सर्व शिक्षा अभियान के तहत कर दिया गया, लेकिन वर्ष 2015 में मामला कोर्ट चला गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना आवश्यक है, ऐसा कहते हुए कोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया। जबकि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्रों में हजारों से अधिक शिक्षक पात्रता की परीक्षा उत्तीर्ण हो चुके हैं। ब्लाक अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पा रही है। जिससे शिक्षामित्रों को मजबूर होकर अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
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