Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गंगापारThirteen hours of jam in 24 hours life is lost due to lack of treatment

24 घंटे में तेरह घंटे जाम, इलाज के अभाव में गंवानी पड़ती है जान

लालगोपालगंज कस्बे के पश्चिमी केबिन जेठवारा मार्ग पर स्थित रेलवे फाटक का बंद होना एक साथ कई मुसीबतों का दावत देने जैसा...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSat, 27 Feb 2021 12:03 PM
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लालगोपालगंज कस्बे के पश्चिमी केबिन जेठवारा मार्ग पर स्थित रेलवे फाटक का बंद होना एक साथ कई मुसीबतों का दावत देने जैसा है।

प्रतापगढ़ जनपद के जेठवारा, बिहार, बाघराय, रामपुर और लालगंज अझारा आदि को प्रयागराज से जोड़ने वाले इस मार्ग पर हमेशा वाहनों का दबाव बना रहता है। रोजमर्रा के यात्रियों के अलावा इलाके के गंभीर रोगियों को भी इसी रास्ते प्रयागराज ले जाया जाता है, लेकिन ऐसे लोगों की मुसीबत उस समय बढ़ जाती है, जब यहां पहुंचने के बाद रेलवे फाटक बंद मिलता है। ऐसे में यात्रियों के लिए प्रयागराज दूर लगने लगता है। इस रूट पर प्रतिदिन गुजरने वाली 38 गाड़ियां गुजरती हैं, और विभाग को 24 घंटे में तकरीबन पौने 13 घंटे फाटक बंद रखना पड़ता है।

यहां से गुजरने वाली प्रमुख गाड़ियां

प्रयागराज-लखनऊ रेल खंड पर स्थित इस क्रॉसिंग से दर्जनों गाड़ियों का आवागमन होता है जिसमें त्रिवेणी एक्सप्रेस, गंगा गोमती एक्सप्रेस, नौचंदी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, कानपुर इंटरसिटी की अप और डाउन तथा नॉनस्टॉप लखनऊ इंटरसिटी, मेला स्पेशल अप और डाउन के अलावा 24 माल गाड़ियों का आवागमन होता है।

-क्या कहते हैं लालगोपालगंज एसएम

स्टेशन मास्टर अशीष मौर्य ने बताया कि गेट बंद रखने का कोई निर्धारित समय नहीं है। सीमावर्ती स्टेशन से गाड़ी के पहुंचने और छूटने की जानकारी होते ही यहां पर सिग्नल दिया जाता है। बताया कि फटकी का बैरियर से सिग्नल इंटरकनेक्टेड है, जब तब गेट मैन फाटक को बंद नहीं करेगा। तब तक सिग्नल आफ नहीं होगा। यही वजह है कि अप गाड़ियों को रामचौरा और डाउन गाड़ियों को भदरी स्टेशन से छूटने के बाद ही गेट को बंद कर दिया जाता है।

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