छोटे व मझोले दुकानदार आर्थिक तंगी के शिकार
22 मार्च से लगातार बंद चल रहे क्षेत्र के प्रमुख व्यावसायिक कस्बे भारतगंज में उन छोटे दुकानदारों की आर्थिक दशा बेहद खराब है, जो रोज दुकान खोलकर घर व परिवार का खर्चा चलाते थे। लगन, बारात भी टल जाने से...
22 मार्च से लगातार बंद चल रहे क्षेत्र के प्रमुख व्यावसायिक कस्बे भारतगंज में उन छोटे दुकानदारों की आर्थिक दशा बेहद खराब है, जो रोज दुकान खोलकर घर व परिवार का खर्चा चलाते थे। लगन, बारात भी टल जाने से कस्बे का कपड़ा, सर्राफा व बर्तन व्यवसाय पूरी तरह बंद है, जिससे बड़े व्यवसायियों को भी आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ा है। कस्बे के तमाम थोक कपड़े व सर्राफे के व्यवसायी प्राय: हर लग्न में करोड़ों का टर्नओवर करते थे, लेकिन इस बार दुकानें बंद होने के कारण इन व्यवसायियों में काफी मायूसी है। 2 जून से कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद कस्बा पूरी तरह हॉटस्पॉट बन जाने से लोग घरों में कैद हो गये हैं। कुछ दुकानदारों का यह भी कहना है कि तमाम बड़े व्यवसायी सुबह, शाम दुकानें खोल लेते हैं और उन्हें पुलिस भी नहीं बोलती, लेकिन छोटे दुकानदारों को पुलिस गालियां देते हुये दुकान खोलना तो दूर, सड़क पर भी नहीं निकलने देती। कस्बे का हर वर्ग इन दिनों काफी परेशान है। कस्बे के आसपास पयागपुर रमगढ़वा, भंजनपुर, कोईलारी, धरवासपुर, चकडीहा, राजापुर, कवलपुर, फचकरा, सकरी, मांडाखास, महुआरी खुर्द, भरारी आदि तमाम गांवों के लोगों का प्रमुख बाजार भारतगंज कस्बा ही है। कस्बा लगातार बंद होने के कारण इन गांवों के लोगों को दूर, दराज अन्य बाजारों में खरीदारी के लिए जाना पड़ता है।
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