Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गंगापारSevere DAP Shortage in Manda Farmers Struggle Amid High Demand

समितियों में नहीं आई डीएपी, किसान परेशान

मांडा। तीन दिन पहले मांडा की कुछ समितियों में काफी कम मात्रा में डीएपी

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारThu, 21 Nov 2024 04:43 PM
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तीन दिन पहले मांडा की कुछ समितियों में काफी कम मात्रा में डीएपी पहुंची थी, जो आने के चार घंटे बाद खत्म भी हो गई थी। मांडा दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र की दो समितियों में खाद नहीं आ पायी थी। जिन समितियों में डीएपी पहुंची भी, वहा खाद कम और किसान अधिक होने के कारण समिति संचालकों को पुलिस बुलवाकर डीएपी वितरण करनी पड़ी थी, जो चार घंटे में ही खत्म भी हो गई थी। मांडा क्षेत्र की साधन सहकारी समिति मांडा खास, राजापुर और कोसड़ाकला में दो दो सौ बोरी डीएपी मंगलवार को पहुंची थी। खाद की मात्रा बेहद कम और किसानों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस लगवाकर समिति संचालकों ने किसी तरह खाद वितरण किया था। शाम तक समितियों में आयी डीएपी खत्म भी हो गई थी। मांडा दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र के हाटा व मझिगवां साधन सहकारी समिति पर मंगलवार को भी डीएपी नहीं पहुंच पायी थी, जबकि इन दोनों समितियों के अंतर्गत आने वाले गांवों में मसूर की खेती भारी मात्रा में होती है और मसूर के लिए डीएपी बेहद आवश्यक है। इसके पूर्व मांडा की समितियों 13 अक्तूबर व 12 नवंबर को भी इसी तरह बेहद कम मात्रा में डीएपी मिली थी। समितियों में डीएपी की किल्लत का भरपूर लाभ प्राइवेट खाद विक्रेता उठा रहे हैं। मांडा के मांडा खास, दिघिया, हाटा, चिलबिला, खवास का तारा सहित विभिन्न बाजारों में 1350 रुपये बोरी की डीएपी सत्रह सौ रूपये बोरी तक में किसान खरीदने हेतु मजबूर हैं। मांडा साधन सहकारी समिति के सचिव ने जानकारी दी कि डीएपी के लिए चेक लगा दिया गया है। शीघ्र ही डीएपी की अगली खेप भी समिति पर आ जाएगी।

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