Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गंगापारRamleela Performance in Indrapur Kauhat The Abduction of Sita

रावण ने किया माता सीता का हरण

पालपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। खीरी के इंद्रपुर कौहट में रामलीला का मंचन किया जा रहा है।

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारThu, 21 Nov 2024 06:27 PM
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खीरी के इंद्रपुर कौहट में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। बुधवार की रात भरत ननिहाल से वापस आए तो रामचंद्र जी से मिलने के लिए जंगल में अपनी सेना के साथ चल दिए। पास पहुंच कर रामचंद्र जी से वापस घर लौटने को कहा तब बोले की भैया भरत लाल अयोध्या का राज चलाओ मैं आश्वासन देता हूं कि समय पूर्ण होने पर आऊंगा। तब भरत वापस लौट आए। उसके बाद राम लक्ष्मण और जानकी समेत वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। पंचवटी में रावण की बहन सूपर्णखा आयी जो राम का अति सुंदर रूप देख मोहित हो गई और राम से विवाह करने के लिए कहा। मना करने पर नहीं मानी तो रामचंद्र जी ने लक्ष्मण को इशारा कर कहा नाक और कान इनका अलग कर दो वैसा ही लक्ष्मण जी ने किया। इसकी सूचना सूपर्णखा ने खर दूषण के पास पहुंचकर सुनाई, तब सभी राक्षस वहां पहुंचे जहां राम की कुटिया थी। वहां पर घोर संग्राम हुआ और खर दूषण मारे गए। सूपर्णखा रोते बिलखते लंका के राजा रावण के पास जा पहुंची। रावण ने मारीच को बुलाकर कहा तुम सोने का मृग बन जाओ और राम लक्ष्मण को बहकाओ और मैं सीता का हरण कर लंका ले आऊंगा। सोने का मृग बनकर कुटिया के पास टहलते टहलते पहुंचा तब सीता बोलीं कि हे स्वामी यह सोने का मृग है इसकी छाल से कुटिया की सजावट किया जाय तो अधिक सुंदर लगेग। रामचंद्र जी लक्ष्मण जी को सीता के रक्षा के लिए छोड़कर मृग के पीछे चले गए। काफी दूर निकल जाने पर रामचंद्र जी ने जब बाण मारा तो माया रूपी मृग मामा मारीच ने लक्ष्मण मेरी सहायता करो की आवाज लगाया। लक्ष्मण जी रेखा खींचकर बोले कि आप रेखा के अंदर ही रहना। उनके जाने के बाद रावण ब्राह्मण का भेष बदलकर कुटिया के पास भिक्षा मांगी। तब सीता भिक्षा देने के लिए निकलीं तो रावण ने उनका हरण कर लिया। जब कुटिया के पास दोनों भाई पहुंचे तो सीता कुटिया में नहीं मिलीं। पत्नी के वियोग में इधर-उधर ढूंढते रहे।

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