मांडा के एक दर्जन गांवों में नहीं हैं पंचायत सहायक
मांडा क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति नहीं हुई है और सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्शन भी नहीं है। ग्राम प्रधान प्राइवेट सहायकों की मदद से काम कर रहे हैं। पंचायत...
मांडा, हिन्दुस्तान संवाद। ग्राम पंचायतों के आधे से अधिक कार्यकाल समाप्त हो गये, लेकिन अभी भी मांडा क्षेत्र के एक दर्जन ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है। इसके अलावा किसी भी ग्राम पंचायत में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है।
मांडा विकास खंड में कुल 69 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें 12 ग्राम पंचायत राजापुर, पूरा लच्छन, ऊंटी, महेवॉ कला, हंड़िया, गजाधरपुर, चिलबिला, बेदौली, बामपुर, कनेवरा और गिरधरपुर पंचायत सहायक विहीन चल रहे हैं। इन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान पांच हजार रुपये माहवार पर प्राइवेट सहायक रखकर या साइबर कैफे से अपने ग्राम पंचायतों के काम किसी तरह पूर्ण करवा रहे हैं, हालांकि कनेवरा और गिरधरपुर को छोड़कर बामपुर, बेदौली, चिलबिला, गजाधरपुर, हंड़िया, महेवाकला, ऊंटी, पूरा लच्छन और राजापुर ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत सहायकों के नियुक्ति की पत्रावली अनुमोदन हेतु डीएम कार्यालय जा चुकी है, लेकिन अभी तक न अनुमोदन हो पाया है और न ही नियुक्ति। मांडा विकास खंड क्षेत्र के किसी भी ग्राम पंचायत में अभी तक इंटरनेट कनेक्शन नहीं हो पाया है। नियुक्त पंचायत सहायक मोबाइल से ग्राम पंचायतों का काम किसी तरह कर रहे हैं। इसके अलावा एक दर्जन ऐसे ग्राम पंचायत हैं, जहाँ पंचायत सहायक नियुक्त तो हैं, लेकिन ग्राम सचिवालयों में न तो कभी आते हैं और न ही कोई काम करते हैं। एडीओ पंचायत रमाकांत पांडेय ने बताया कि ऐसे लापरवाह पंचायत सहायकों की जानकारी उनको भी है, शीघ्र ही वे ऐसे लापरवाह पंचायत सहायकों की सूची बनाकर उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे।
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