योग जीवन जीने की समग्र पद्धति : प्रो. तोमर
Gangapar News - हंडिया। 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री लाल बहादुर शास्त्री स्मारक राजकीय आयुर्वेद

11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री लाल बहादुर शास्त्री स्मारक राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय हंडिया द्वारा योग सप्ताह के पहले दिन संगम किनारे किला घाट पर सामूहिक योग अभ्यास किया गया। योगाचार्या दीप्ती योगेश्वर ने कॉमन योग प्रोटोकॉल के अनुसार सूक्ष्म प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम, वृक्षासन, ताड़ासन सेतु बंधासन, सर्वांग आसन, मकरासन, भुजंगासन आदि का अभ्यास कराया। विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रो. जीएस तोमर ने कहा कि जीवन में यदि स्वस्थ हैं तो सब कुछ है। पहला सुख निरोगी काया। इसे पाने के लिए योग का नियमित अभ्यास अत्यंत आवश्यक है। योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक समग्र पद्धति है।
योग केवल करने की नहीं, होने की प्रक्रिया है। यह कोई ऐसा कार्य नहीं है जिसे समय-समय पर किया जाए, बल्कि इसे हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन जाना चाहिए। आरोग्य भारती काशी प्रांत उपाध्यक्ष नागेंद्र जायसवाल ने कहा कि योग का अभ्यास बुद्धि, भावनाओं और जागरूकता के साथ होना चाहिए। सच्चा योग वही है, जिसमें हम जीवन को संतुलन, चेतना और आंतरिक सामंजस्य के साथ जीते हैं। डा अवनीश पाण्डेय ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है एवं लोगों को योग से आरोग्य की ओर ले जाना है।डा राकेश कुमार ने कहा कि योग ही हमें दुनिया से जोड़ता है,यह केवल व्यक्तिगत साधना नहीं, बल्कि एक विश्वव्यापी बंधन है। कार्यक्रम में विश्व आयुर्वेद मिशन एवं आरोग्य भारती प्रयागराज का सहयोग रहा। इस अवसर पर नागेन्द्र जायसवाल, डा राकेश कुमार, डा कैलाश प्रसाद, कार्यक्रम संयोजक डा अवनीश पाण्डेय, डा संतोष कुमार मौर्य, डा पंकज कुमार मिश्रा, डा विजय प्रयाप सिंह, डा विजय वैश्य, डा राकेश पाण्डेय, संध्या पाण्डेय, प्रज्ञान, कार्तिकेय एवं महाविद्यालय के कर्मचारी एवं आरोग्य भारती के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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