सरसों को फायदा, गेहूं की फसल होगी प्रभावित
Gangapar News - बदलते मौसम के कारण गेहूं की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि सरसों की पैदावार में सुधार की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि ठंड का कम होना गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक है, जबकि सरसों के...

पालपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। बदलते मौसम में गेहूं की पैदावार पर असर पड़ सकता है। वहीं ठंड कम होने से सरसों की पैदावार अच्छी हो सकती है इस संभावना से किसानों की उम्मीदें बनी हुई है। मौसम का मिजाज किसानों के लिए चुनौती बनता नजर आ रहा है। क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि, इस बार ठंड देर से आई और जल्दी चली गई, जिससे गेहूं की फसल को पर्याप्त ठंड नहीं मिल पाई है। गेहूं की फसलों में लगी बालियां पतली होने पर पैदावार कम होने और दाना पतला होने की आशंका है।
कृषि विशेषज्ञ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि गेहूं की अच्छी बढ़त के लिए ठंड का एक निश्चित समय तक बने रहना जरूरी होता है। अगर तापमान सामान्य से अधिक रहता है, तो दानों का भराव कमजोर रह सकता है। फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। क्षेत्र के किसान रजनीश तिवारी, विष्णु तिवारी, गिरिजा प्रसाद, काशी प्रसाद अरुण कुमार आदि ने बताया कि हर वर्ष के तुलना में तापमान अधिक रहने से पौधे कमजोर दिख रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में मौसम ऐसा ही रहा तो पैदावार घट सकती है।
किसानों का मानना है कि हल्की ठंड और कम नमी वाला वातावरण सरसों के लिए अच्छा होता है। इस साल सर्दी कम पड़ने और धूप अच्छी मिलने से सरसों की फसल में दाने मजबूत दिख रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर समय-समय पर सिंचाई की जाए और खेतों में नमी बनाया रखा जाए तो गेहूं की फसल को राहत मिल सकती है।
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